लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भले ही अभी थोड़ा वक्त है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अभी से चुनाव की रूपरेखा तैयार करने में जुट गई है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और इसके बाद 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान के निर्देश के बाद प्रदेश में रणनीति समिति के गठन की तैयारी है।
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार कांग्रेस की कमान मदन मोहन झा से लेकर डा. अखिलेश प्रसाद सिंह को सौंपने के साथ ही कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस बिहार में दूसरी पंक्ति की राजनीति से निकल कर मुख्य धारा की राजनीति करेगी। बीते कुछ वर्षों में जिस प्रकार से सहयोगी दलों की ओर से चुनाव में सीट देने में अनदेखी की गई, पार्टी अब आने वाले दिनों में सीटों के मसले पर समझौता नहीं करेगी।
अपनी इस सोच को अमली जामा पहनाने के लिए पार्टी ने चुनाव के मद्देनजर चुनावी रणनीति निर्धारित करने और सहयोगी दलों से सीट का तालमेल करने के लिए अलग से समिति के गठन का निर्णय किया है। इस समिति में प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका तो होगी ही, उनके अलावा पार्टी के कई पुराने और दिग्गज नेताओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा, ताकि जहां चुनाव के एजेंडे तय हो सकें। वहीं सहयोगी दलों से अपने हक के संबंध में जोरदार तरीके से बात हो सके। पार्टी के सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समाप्त होने तक समिति का गठन कर दिया जाएगा।
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कांग्रेस के अंदरखाने के सूत्र बताते हैं कि समिति में अध्यक्ष पद का जिम्मा पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार को सौंपा जा सकता है। निखिल कुमार के अलावा इस समिति में शामिल होने वाले जो संभावित नाम हैं, उनमें लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर, पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन झा, अनिल शर्मा, चंदन बागची के साथ ही विजय शंकर दुबे बताए जा रहे हैं। समिति क्षेत्रों में घूमकर स्थानीय मुद्दों का आकलन करेगी और उसी को आधार बनाकर चुनाव की रणनीति तैयार होगी।