अब बिहार में भी सीएनजी से गाड़ियां चलेंगी. प्रदूषण पर लगाम लग सकेगी. सरकान ने फैसला कर लिया है. इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार बहुत गंभीर हैं. सीएम की अध्यक्षता में हुई एक हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया है.
मुख्य सचिव अंजनी कुमार ने कहा कि पटना में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार सीएनजी को प्रोत्साहित करेगी. गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) अगले साल तक पटना में सीएनजी के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा कर लेगी. कंपनी पटना में पाइप के जरिए वाहन ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी की आपूर्ति करेगी. इसके लिए गेल जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन का इस्तेमाल करेगी.
राजधानी को गैस की आपूर्ति के लिए नालंदा जिले के सिलाव में सीएनजी का मुख्य टर्मिनल बनेगा. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में पत्रकारों से रू-ब-रू थे. इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाद कक्ष में पर्यावरण एवं वन तथा सूचना प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग को लेकर होती है. इसके लिए चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था की जाएगी.
क्या है सीएनजी?
गाड़ियों में ईंधन के तौर पर प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल का विचार सबसे पहले 1930 में आया. पर्यावरण के प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जल्द ही ये ज़रूरी भी हो गया. कई अनुसंधान के बाद तकनीकी विशेषज्ञों ने इस गैस का इस्तेमाल सघन प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के तौर पर गाड़ियों में करने का सुझाव दिया. यूरोप के कई देशों, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, और न्यूज़ीलैंड के अलावा थाईलैंड और ईरान में सीएनजी का इस्तेमाल गाड़ियों में ईंधन के रूप में किया जाने लगा.
सीएनजी के फ़ायदे
यह इंजन की क्षमता बढ़ाता है और इंजन साफ रखता है. इसमें एक बार लागत के बाद फिर ज़्यादा ख़र्च नहीं होता. इसके ज़्यादा इस्तेमाल से पेट्रोलियम का बोझ कम होता है. इससे गाड़ियों से निकलने वाले धुएं की वजह से प्रदूषण नहीं होता.