पटना: जातीय जनगणना कराने को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. हमने इस संबंध में पीएम मोदी को 4 अगस्त को ही पत्र लिख दिया था. वहां से जैसे ही कोई जवाब आएगा, हम आगे स्टेप उठाएंगे.
जनता दरबार में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में हम लोग 1990 से ही जातीय जनगणना की मांग करते आ रहे हैं. बिहार में 2019 में 2020 में विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो चुका है. हमने पिछले दिनों पीएम मोदी को पत्र लिखा है, वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने के बाद हम लोग इसको यहां देखेंगे.
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक फिर से जाति आधारित जनगणना कराने की पूरजोर वकालत की है. उन्होंने कहा है कि यह किसी एक के हित की बात नहीं है. बल्कि पूरे राष्ट्र के हित का मामला है. सभी के विकास के लिए एक बार इसे करना बेहद आवश्यक है.
सीएम ने आगे कहा कि इसे कराने की इच्छा पूरे देश में सबों की है. एक बार जाति आधारित जनगणना कराना सभी के विकास और उत्थान के लिए बेहद जरूरी है. सभी वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए. 1931 में यह अंतिम बार हुआ था. अब इसे मौजूदा समय में एक बार जरूर करवा लेना चाहिए, सभी वर्ग के विकास के साथ ही राष्ट्र को सही तरीके से विकसित करने के लिए यह बेहद आवश्यक कदम है. इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि किस वर्ग के लिए किस क्षेत्र में क्या करने की आवश्यकता है.