सीतामढ़ी में भी बाघ ने दस्तक दे दिया है। जिले के रीगा थाना क्षेत्र अंतर्गत सिरौली पंचायत के रामनगरा गांव में उसका आतंक सामने आया है। गुरुवार को अपराह्न चार बजे गांव के सरेह में अचानक बाघ के आक्रमण की सूचना से हड़कंप मच गया। खेत में ईंख काट रही दो महिलाओं पर हमला बोल दिया। हमले के बाद महिलाओं के चीखने-चिल्लाने पर आसपास खेती कर रहे कुछ किसान वहां कुदाल-डंडा आदि लेकर दौड़े। भीड़ को देखते ही बाघ जंगल-झाड़ी की ओर भागकर छुप गया। जख्मी दोनों महिलाओं की हालत चिंताजनक बनी हुई है। दोनों को तत्काल सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से गंभीर स्थिति देखते हुए एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया है।
दोनों जख्मी महिलाओं का इलाज करने वाले सदर अस्पताल के इमरजेंसी में मौजूद डाक्टर संतोष कुमार ने बताया कि हमले में सुनिता देवी (50 वर्ष) का पूरा दायां हाथ फ्रैक्चर हो गया है। पैर व कमर में गहरे जख्म हैं। वहीं कुमकुम देवी (45 वर्ष) के दायें पैर व बायें हाथ में गहरे जख्म हैं।
बाघ के हमले की सूचना से डीएम भी चौंके
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सीतामढ़ी में होने के ऐन मौके पर बाघ की दस्तक और उसके हमले से प्रशासन में हड़कंप मचा है। नगर परिषद के पूर्व सभापति व राजद के वरीय नेता मनोज कुमार ने बताया कि बाघ के हमले की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल पहुंच गए। घायलों के त्वरित इलाज में मदद पहुंचाई। जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा को घटना की सूचना दी। बाघ के हमले की सूचना मिलते ही डीएम भी चौंक पड़े। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सीतामढ़ी में पहुंचते ही बाघ के हमले जैसी घटना से डीएम भी पसोपेश में पड़ गए। उन्होंने तुरंत वन प्रमंडल पदाधिकारी नरेश प्रसाद को दलबल के साथ घटनास्थल के लिए रवाना होकर जांच एवं बचाव कार्य के आदेश दिए। इसके बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया।
देर रात तक माथा पच्ची करते दिखे अधिकारी
डीएफओ नरेश प्रसाद ने बाघ के दस्तक देने और उसके हमले में दो महिलाओं के जख्मी होने की पुष्टि की है। डीएफओ ने कहा कि वन विभाग की स्थानीय टीम सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई। देर रात तक खोजबीन में जुटी हुई थी। पटना चिड़ियाघर के अधिकारियों को सूचना देकर बाघ को पकड़ने का आग्रह किया गया है।
हालांकि इस दौरान बाघ और तेंदुए को लेकर देर रात तक वन विभाग के अधिकारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही। कोी उसे बाघ बता रहा है, तो कोई तेंदुए के होने का दावा कर रहा है। ग्रामीणों ने जानवरी की तस्वीर भी ली है। राजद के वरीय नेता व पूर्व सभापति मनोज कुमार ने बताया कि फोटो में दिख रहा जानवर बाघ नहीं, बल्कि तेंदुआ दिखाई पड़ता है। हालांकि, डीएफओ नरेंद्र प्रसाद ने बाघ के होने की पुष्टि की है।
माइकिंग कर लोगों से की जा रही अपील
वहीं, बाघ व तेंदुए को लेकर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी खुद भी एकमत नहीं हैं। जानवर के पंजे के निशान भी सामने आए हैं। बावजूद बाघ या तेंदुए के होने के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही। रीगा के फारेस्टर हरेंद्र प्रसाद उसको तेंदुआ बता रहे हैं। बाघ के हमले के बाद शाम चार बजे के आस-पास वहां से तीन-चार किलोमीटर दूर बथनाहा के कमलदह राइस मिल के पास एक तेंदुआ देखने की बात सामने आई। फिलहाल आसपास के गांवों के लोगों को अत्यंत सावधानी के साथ रहने और घरों से बिल्कुल ही बाहर नहीं निकलने देने के लिए माइकिंग कराई जा रही है।