चोर-लुटेरों से राहगीरों को बचाते थे चांदपुर वाले यह बाबा, खड़ाऊं की आवाज सुन भाग जाते थे ‘डकैत’

आस्था जानकारी

गोरौल के चांदपुरा वाले मलंग बाबा हर किसी की मुराद पूरी करते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को खाली हाथ नहीं लौटना पड़ता है. हर वर्ष शरद पूर्णिमा के दिन न केवल जिला, बल्कि बिहार और दूसरे प्रांतों के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में यहां आकर बाबा की पूजा-अर्चना कर बाबा का अनुग्रह प्राप्त करते हैं.

यही कारण है कि बाबा के दरबार में हाजिरी देने नेपाल, यूपी, बंगाल, असम आदि प्रांतों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी सुधीर कुमार झा बताते हैं कि यह मंदिर काफी पुराना है. यहां दूर-दूर से भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं. लोग कहते हैं कि जो भी राहगीर इस रास्ते देर रात आते-जाते थे उसकी रक्षा मलंग बाबा करते हैं.

मलंग बाबा करते थे राहगीरों की रक्षा

कहा जाता है कि मुख्य मार्ग होने के कारण लोग इसी रास्ते से होकर आते-जाते थे. यहां गोरौल चीनी मिल चालू होने के कारण ईख उत्पादक किसान और व्यापारी इसी रास्ते से बैलगाड़ी-घोड़ा से आते-जाते थे. उस वक्त यह सड़क कच्ची थी. लूटपाट की घटना ज्यादा होती थी, इस कारण रात में सड़क पर आवागमन बंद हो जाता था. ऐसे में जबकोई यात्री या राहगीर किसी संकट में फंस जाता था तो बाबा मलंग प्रकट होकर संकटग्रस्त लोगों की सहायता करते थे. उनके खराऊं की खट-खट की आवाज सुनकर ही चोर भाग खड़े होते थे.

कहा जाता है कि मुगलों के शासन काल से यहां मेला लगता आ रहा है. मूर्ति पूजा के विरोधी कई मुगल शासकों को भी बाबा के आगे सिर झुकाना पड़ा. मलंग बाबा की महिमा से नतमस्तक किसी मुगल शासक ने ही शरद पूर्णिमा को लगने वाले मेले का नामकरण मीना बाजार मेला कर दिया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है. स्थानीय राम इकबाल साहब बताते हैं कि कृष्ण मुरारी प्रसाद की जमीन में मलंग स्थान था. वहां से कट जाने के बाद वह चांदपुरा आ गए, जहां एक खजूर का पेड़ और एक पीपल का पेड़ था. इस रास्ते से जो भी राहगीर गुजरते थे उन्हें मलंग बाबा पार लगा देते थे.

फंस जाती थी लोगों की गाड़ी

उन्होंने बताया कि चीनी मिल होने के कारण इस सड़क से बैलगाड़ी भी गुजरती थी. गाड़ी यहां आते-आते फंस जाती थी. तब लोग मलंग बाबा से मन्नत मांगते थे. 4 ईख चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते थे. तब उनकी गाड़ी आगे बढ़ जाती थी. यही कारण है हर वाहन मालिक यहां अपनी नई गाड़ी का पूजा कराने आते हैं.

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