छठी मईया और सूर्य देव की उपासना से मिलती अद्भुत शांति, पूरी होती है हर मनोकामना

आस्था जानकारी

पश्चिमी चंपारण के चनपटिया प्रखंड के दुर्गा मंदिर निवासी विक्रमा प्रसाद की पत्नी 74 वर्षीय लालमुनी देवी पिछले 44 वर्षों से छठ पूजा करती आ रही हैं। पुत्र के सलामती व घर परिवार में खुशहाली बनी रहे, इन्हीं कामना के साथ भगवान भास्कर को लगातार अर्घ्य देती हैं।

व्रती लालमुनी देवी बताती हैं कि छठ पूजा अपने मायके से आरंभ की। उसके बाद से लगातार ससुराल में रहकर छठ व्रत करती रही हूं। छठी मईया की महिमा और सूर्य देव की कृपा से अभी तक सब सकुशल है।

वह कहती हैं कि परिवार के सभी सदस्यों को हर साल विशेष तौर पर छठ पूजा का इंतजार रहता है। पूरे विधि विधान से परिवार के सभी लोग इसमें शामिल होते हैं। तब घर में उत्सवी माहौल रहता है।

संतान की खुशहाली के लिए छठ करती हैं उर्मिला

मच्छरगांवा की उर्मिला देवी बताती हैं कि एक दशक से अधिक समय से छठ व्रत कर रही हैं। उनका कहना है कि पुत्र समेत पूरे परिवार की खुशहाली के लिए आस्था का यह व्रत रखती हूं।

सूर्य उपासना के व्रत से अद्भुत शांति मिलती है। इस व्रत के लिए जो पवित्रता और शुद्धता का ध्यान रखा जाता है। इसे नई पीढ़ी भी देखती और अनुकरण करती है।

यह परंपरा आने वाली पीढ़ी भी निभाए, इसके लिए आस्था का यह महापर्व करती हूं। चार दिवसीय व्रत के दौरान 36 घंटे का उपवास छठी मैया की कृपा से संपन्न होता है।

उन्होंने बताया कि छठ व्रत नजदीक आते ही न केवल हम व्रतियों को बल्कि घर परिवार में आस्था का माहौल बन जाता है।

 

चालीस वर्षों से छठ कर रही व्रती जानकी देवी

दिवंगत कालिका साह की पत्नी जानकी देवी की उम्र 72 वर्ष है। वे विगत 40 वर्षों से छठ व्रत करती आ रही हैं। उन्होंने बताया परिवार और समाज की खुशहाली के लिए यह व्रत करती हूं। जब तक शरीर व्रत रखने के लिए सक्षम है, तब तक यह व्रत करती रहूंगी। सूरज के बदौलत पूरी दुनिया टिकी हुई है।

उनकी पूजा भला कौन नहीं करना चाहेगा। श्रद्धालु महिला घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर नदी घाट पर यह व्रत करती हैं। उनका कहना है कि छठी मैया की कृपा से मुझे सब कुछ मिला है। व्रत के समय पूरा परिवार घर पर एकत्र होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *