नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया है. बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित राज्यों में छठ की धूम है. लोग पूरे आस्था के साथ भगवान भास्कर की आराधना में लीन हो गए हैं. शनिवार को छठ पर्व के खरना का विधान है और खरना का प्रसाद बनाया जाएगा, जबकि रविवार और सोमवार को भगवान भास्कर के अलग-अलग स्वरूप की आराधना की जाएगी और भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा. मान्यता है कि भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करते समय सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य बताते हैं कि भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से लोगों को काफी लाभ पहुंचता है.

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि छठ पर्व के दौरान अर्घ्य अर्पित करने के दौरान लोगों को ‘ओम एही सूर्यदेव सहस्त्रांशो, तेजो राशि जगत्पते. अनुकंप्य मां भक्तया गृहणार्ध्य दिवाकर’ मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके अलावा लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करते समय ओम सूर्याय नमः, ओम आदित्याय नमः, ओम नमो भास्कराय नमः, अर्घ्य समर्पयामी का भी जाप करके भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जो लोग सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, उन्हें सूर्य को देखते हुए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से घर परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जो लोग इन मंत्रों का जाप नहीं कर सकते या उन्हें यह मंत्र याद नहीं है, वह गायत्री मंत्र का जाप करके भी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि लोग ‘ओम भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेंयं, भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ का जाप करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं. ऐसा करने से भगवान भास्कर प्रसन्न होते हैं और लोगों के जीवन में सुख समृद्धि आती है