पटना: बिहार में आस्था के महापर्व छठ का प्रात:कालीन अर्घ्य अब आरंभ है। व्रती छठ घाटों पर पहुंच कर भगवान भास्कर काे नमन कर रहे हैं। इसके पहले बीती शाम उन्होंने सायंकालीन अर्घ्य दिया। प्रात:कालीन अर्घ्य अंतिम चरण में है। इसके साथ चार दिवसीय छठ महाव्रत का समापन हो जाएगा।
व्रतियों का छठ घाटों पर आने का सिलसिला सूर्योदय के काफी पहले से आरंभ हो गया था। पटना सहित बिहार की नदियों व तालाबों के किनारे बनाए गए छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। लाखों की संख्या में लोग पटना के विभिन्न घाटों पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे हैं।
इसके पहले रात भर गंगा के घाट चहल-पहल रही। अधिकांश व्रती तो घर लौट गए थे, लेकिन कई लोगों ने रात में घाटों पर ही रहकर सुबह का इंतजार किया। छठ घाटों पर व्रतियों के पहुंचने का सिलसिला सुबह तीन बजे से ही शुरु हो चुका था। खासकर मनोकामना पूरी होने पर दंड लगाते हुए घाटों पर जाने वाले व्रती पहले पहुंचे। श्रद्धालुओं ने उनके लिए रास्ता छोड़ दिया।
आज के अर्घ्य के पहले व्रतियों ने रात में घरों में व घाटों पर कोसी भरा। कोसी पूजा सांध्यकालीय अर्ध्य के बाद व सुबह के अर्घ्य के पहले रात में की जाती है।
सुबह में घाटों पर पूजा के दौरान बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। वे आतिशबाजी में व्यस्त रहे। बड़े उन्हें सुरक्षित तरीके से आतिशबाजी करने की हिदायत देते देखेे जा रहे थे।
ठंड पर अास्था भारी
सुबह में ठंड के बावजूद लोग जल में उतरकर अर्घ्य देते दिखे। सुबह में ठंड के कारण छठ व्रतियों को कठिनाई हुई।