पटना में छठ के लिए गंगा घाटों को तैयार कर लिया गया है। इन घाटों की ओर जाने वाली सड़कें चकाचक हैं। रास्ते के दोनों किनारों पर चूना डालकर लाइन बनाई गई है।
आकर्षक सजावट और रोशनी ने छठ की तैयारियों में चार चांद लगा दिया है। बांस घाट, कलेक्ट्रेट और महेन्द्रू घाट के जुड़ जाने से इस बार छठ व्रतियों को तीन किलोमीटर गंगा किनारा मिल गया है।
दानापुर से लेकर पटना सिटी तक 111 गंगा घाटों पर भगवान भास्कर के नमन के लिए व्यवस्था की गई है। पूरा शहर भगवान भास्कर की भक्ति में सराबोर है।
आइए जानें पटना के प्रमुख घाटों पर पहुंचने की व्यवस्था-
कलेक्ट्रेट घाट
कलेक्ट्रेट घाट पर गंगा की धारा तक पहुंचे के लिए दो रास्ते हैं। वाहन से जाने वाले व्रतियों के लिए बांस घाट से रास्ता बनाया गया है। दुजरा काली मंदिर के पास से बांस घाट पर नाला पार करने के लिए पुल बनाया गया है। नाला पार करने के बाद दो रास्ते हैं। जो सड़क सीधी गई है वह बांस घाट (गंगा की धारा) तक जाती है।
पूरब की ओर जाने वाला रास्ते से कलेक्ट्रेट घाट तक वाहन से जा सकेंगे। कलेक्ट्रेट घाट का दूसरा रास्ता कलेक्ट्रेट परिसर से है। इस रास्ते से छठ व्रतियों को पैदल गंगा की धारा तक जाना होगा। वाहन से आने वाले छठ व्रतियों को गांधी मैदान में पार्किंग करनी होगी। इस घाट पर जरूरी व्यवस्था की गई है।
महेंद्रू घाट
महेंद्रू घाट पर गंगा की धारा तक पहुंचने के लिए छठ व्रतियों को पैदाल जाना होगा। अशोक राजपथ से बीएन कॉलेजिएट के सामने वाली सड़क से इस घाट पर जाने का मुख्य रास्ता है। कलेक्ट्रेट घाट से भी नाला पार करने के बाद छठ व्रती महेंद्रू घाट जा सकते हैं। इसके लिए नाला पार करने के बाद रास्ता है। इस घाट पर चेंजिंग रूम का प्रबंध है।
दीघा पाटीपुल घाट
दानापुर पटना मुख्य सड़क से दीघा पाटीपुल घाट जाने वाली सड़क साफ है। गंगा में उतरने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं। पानी में मजबूत बैरिकेडिंग भी की गई है। व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम और अस्थायी शौचालय का बेहतर प्रबंध किया गया है।
दीघा गेट नंबर-92 व 93
मुख्य सड़क से गेट नंबर 92 और 93 घाट जाने वाली सड़क पर भी रोशनी का प्रबंध और सजावट की गई है। गेट नंबर 93 की सड़क चौड़ी रहने के कारण वाहन आसानी से घाट तक पहुंच जाएंगे। गेट नंबर 92 की सड़क की चौड़ाई इतनी नहीं है कि दो छोटे वाहन विपरित दिशा से एक-दूसरे को पार कर सकें।
गंगा की धारा के पास दोनों घाट एक ही है। यहां चेंजिंग रूम के अलावा डेढ़ दर्जन से ज्यादा अस्थायी शौचालय बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिए वॉच टावर के अलावा पानी में बैरिकेडिंग की गई है। कुर्जी की ओर से जाने पर दीघा हाट से पहले गेट नंबर 92 और 93 है।