चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के लिए पूजा में जुटा सुधांशु का परिवार! सुनिए क्या कहा वैज्ञानिक के माता पिता ने

जानकारी

 23 अगस्त की शाम 6:04 बजे पर चंद्रयान-3 का चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होने की संभावना जताई गई है. अगर भारत का चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुल होता है तो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश हो जाएगा.

बता दें कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से हुई थी. इस लांचिंग टीम में गया के खरखुरा के रहने वाले वैज्ञानिक सुधांशु कुमार भी शामिल है. बता दें कि श्रीहरिकोटा लॉन्च व्हीकल प्रोवाइड करता है सुधांशु उसी लॉन्च व्हीकल टीम का एक हिस्सा हैं.

माता-पिता काफी गौरवांवित महसूस कर रहे हैं

23 अगस्त को चंद्रमा के सतह पर लैंडिंग से पूर्व इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के घर पर उनके माता-पिता काफी गौरवांवित महसूस कर रहे हैं और इनका मानना है कि चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चंद्रमा के सतह पर लैंड करेगा.

चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड करे, इसके लिए सुधांशु के माता-पिता भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. उनके पूजा अर्चना में जुटे हुए हैं. सुधांशु के माता-पिता बताते हैं कि देश के 140 करोड़ लोग चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग को लेकर प्रार्थना कर रहे हैं. हम सभी का आशीर्वाद इसरो के वैज्ञानिकों के साथ है. पूरी उम्मीद है कि यह सफलतापूर्वक चांद पर उतरेगा.

सुधांशु के पिता चलाते हैं आटा चक्की

बता दें कि गया के खरखुरा के रहने वाले सुधांशु का चयन इसरो में 2021 में हुआ था. इस बार चंद्रयान-3 के लांचिंग में इनका योगदान रहा है. सुधांशु के पिता घर में आटा मिल चक्की चलाते हैं, जबकि माता गृहणी हैं.

इसरो के वैज्ञानिक सुधांशु कुमार की प्रारंभिक शिक्षा गया के खरखुरा मोहल्ला में ही एक साधारण निजी स्कूल में हुई. इसके बाद अशोक हाई स्कूल से मैट्रिक की और गया से ही इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कीऔर बीटेक की पढाई हरियाणा से हुई. बीटेक के बाद 2021 में इनका चयन इसरो के लिए हुआ जो आज वैज्ञानिक बन अपने माता पिता के साथ अलग देश का नाम रोशन कर रहे हैं.

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