गांधीजी के नेतृत्व में बिहार के चम्पारण जिले में 17 अप्रैल सन् 1917 में एक सत्याग्रह हुआ। अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ पहला जन आंदोलन। भारत की आज़ादी का पहला आंदोलन। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह को लेकर 17 अप्रैल को देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को पटना में सम्मानित किया जायेगा। इसमें शामिल होने के लिए प्रदेश के जिलों से बसों से स्वतंत्रता सेनानी पटना आयेंगे। जिलों से इन्हें भेजने की जिम्मेदारी वहां के डीएम की होगी। डीएम स्वतंत्रता सेनानी, उनके एक-एक परिजन, एक प्रोटोकॉल ऑफिसर और दो मेडिकल स्टॉफ की टीम को एक बस से भेजेंगे।
जिलों से बसें सीधे पटना के चयनित होटल में पहुंचेंगी। सभी होटलों में सरकार की ओर से एक-एक प्रोटोकॉल ऑफिसर तैनात रहेंगे, जो स्वतंत्रता सेनानियों से संपर्क में रहेंगे। वहीं, दूसरे राज्यों से आनेवाले स्वतंत्रता सेनानियों को रिसीव करने के लिए पटना जंकशन पर 15 अप्रैल से एक रिसेप्शन काउंटर खोला जा रहा है। यहां अधिकारियों का एक दल तैनात होगा। आनेवाले स्वतंत्रता सेनानियों को प्रोटोकॉल ऑफिसर यहां से सीधे चयनित होटल ले जायेंगे, जहां उनके रहने-खाने की व्यवस्था की गयी है। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होनेवाले सम्मान समारोह की तैयारी को लेकर 15 अप्रैल को मॉक ड्रिल भी किया जायेगा।