पटना- पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. सीबीआई के छापे और लालू यादव के साथ-साथ तेजस्वी यादव पर भी मामला दर्ज होते ही ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्रीमंडल में तेजस्वी यादव को रखेंगे या नहीं । इस सवाल पर फिलहाल महागठबंधन की तरफ से कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है ।
लालू यादव के लिए 7-7-17 की तारीख किसी बड़े झटके से कम नहीं है । सुबह ही उनके आवास पर सीबीआई ने दस्तक दे दी। जैसे-जैसे दिन चढ़ा लालू परिवार मुसीबत में घिरता चला गया, लालू यादव के लिए बड़ा झटका तब सामने आया, जब उनके राजनैतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव भी कानून के शिकंजे में आ गए।
सीबीआई ने उनपर भी मामला दर्ज किया है सवाल भी यहीं से उठाना शुरू हो गया कि क्या अब तेजस्वी यादव को नीतीश अपने मंत्रीमंडल में रखेंगे या फिर वो बहार होंगे. पूर्व उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी भी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन मामला दर्ज होने के बाद इस मांग ने तूल पकड़ लिया ।
इसके साथ ही नीतीश कुमार पर भी दवाब बढ़ गया है, इस सवाल पर जेडीयू ने फिलहाल चुप्पी साध ली है।कांग्रेस और राजद भी इस मामले पर खुलकर कुछ बोलने के हालात में नहीं है । ऐसे में जाहिर है कि महागठबंधन के लिए भी बड़ी चुनौती सामने आ गई है. अगर तेजस्वी को लेकर नीतीश कुमार कोई फैसला लेते हैं तो इसका सीधा असर सरकार के साथ-साथ महागठबंधन पर भी देखने को मिलेगा। फिलहाल हर किसी की गिगाहें नीतीश कुमार पर टिकी है ।