केंद्र सरकार ने बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित रेलवे की भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी (बीडब्ल्यूईएल) को बंद करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घाटे में चल रहे इस कारखाने को बंद करने के साथ ही यहां कार्यरत 626 कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है। 2007 के वेतनमानों के आधार पर उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। कैबिनेट ने इसके लिए 151.18 करोड़ रुपये स्वीकृत किए है। इस राशि से कार्मिकों को भुगतान के अलावा कंपनी के अन्य बाकायों का भुगतान किया जाएगा। दरअसल, यह कंपनी पिछले दस सालों से घाटे में चल रह थी और रेलवे को इसे सुधार पाने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी।
सरकार ने कहा कि इस निर्णय से घाटे में चल रहे या रुग्ण सार्वजनिक उपक्रमों पर सरकारी धन खर्च करने का चलन रुकेगा। इससे सरकारी धन की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) अलग से दिशा-निर्देश और समय सीमा जारी करेगा।
बता दें कि इस सार्वजनिक उपक्रम का गठन चार दिसंबर 1978 को हुआ था। तब निजी क्षेत्र की दो रुग्ण इकाइयों को मर्ज करके यह उपक्रम बनाया गया था। इनमें आर्थर बटलर एंड कंपनी मुजफ्फरपुर तथा ब्रिटानियां इंजीनियरिंग कंपनी मोकमा शामिल थी। सन 2000 में इस उपक्रम को बीआईएफआर को सौंपा गया जिसने 2002 में इसे रुग्ण इकाई घोषित कर दिया। इसके बाद इसका प्रशासनिक नियंत्रण भारी उद्योग विभाग के पास आ गया। यह कंपनी रेलवे के वैगनों के निर्माण और मरम्मत का कार्य करती थी तथा इसकी मुजफ्फरपुर एवं मोकमा में दो यूनिटें हैं।