बक्सर डीएम मुकेश पांडेय के सामान को लेकर पत्नी और पिता आमने सामने हो गए है। सामान पर दोनों ही अपना दावा ठोंक रहे हैं। दोनों अलग-अलग वजहें बताकर सामानों पर अपना हक जाता रहे हैं। विवाद के समाधान के लिए वर्तमान डीएम अरविंद्र कुमार वर्मा ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है।
बताया जा रहा है कि दिवंगत डीएम के सामान को लेकर उनकी पत्नी आयुषी शांडिल्य पिता डॉ. सुदेश्वर पांडेय तथा मां गीता पांडेय दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस बात को लेकर वर्तमान डीएम ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। हालांकि सामान को लेकर आयुषी शांडिल्य ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है। ताकि उनके पति का सामान उन्हें मिल सके।
बक्सर में 6 दिन के कार्यकाल के दौरान उनका सामान डीएम कोठी में गया था, लेकिन, सामान उसी तरह का बांधकर ही रखा गया था जो अभी खुला नहीं था। मुकेश सर्किट हाउस के कमरा नबंर-8 में रह रहे थे। कमरा नबंर-8 में अभी भी उनका 2 बैग रहा हुआ है। इन सभी सामानों पर पत्नी और माता-पिता दावा कर रहे है।
वर्तमान डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि दोनों ओर से सामान की मांग की गई थी। जिसे लेकर विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है। मार्गदर्शन मिलते ही सामान सौंप दिया जाएगा। मुकेश पाण्डेय मूल रूप से सारण जिले के दरियापुर से सांझा गांव के रहने वाले थे। हालांकि उनकी परवरिश गुवाहाटी में हुई थी।
उनके पिता वहीं कार्यरत हैं। मुकेश ने 10वीं की परीक्षा गुवाहाटी के फैकल्टी हायर सेकेंडरी स्कूल से पास की थी, जबकि इण्टरमीडिएट की परीक्षा गुवाहाटी के मारिया पब्लिक स्कूल से पास की थी। उन्होंने गुवाहाटी के प्रतिष्ठित कॉटन कॉलेज में एडमिशन लिया था। यहां से मुकेश ने बीए ऑनर्स की पढ़ाई की।
ग्रेजुएशन के बाद मुकेश दिल्ली गए और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की। पहले प्रयास में असफल होने के बाद दूसरे प्रयास में वह सफल रहे। 10 अगस्त की रात गाजियाबाद स्टेशन से एक किमी. दूर कोटगांव के पास रेलवे ट्रैक पर मुकेश का कटा हुआ शव मिला था।
2012 बैच के आईएएस मुकेश की 4 अगस्त को ही पहली बार डीएम के रूप में बक्सर में पोस्टिंग हुई थी। दो दिनों की छुट्टी पर गुरुवार सुबह डीडीसी को प्रभार देकर वह वाराणसी होकर विमान से दिल्ली गए थे। वहां चाणक्यपुरी में होटल लीला पैलेस के कमरा नंबर 742 में ठहरे थे।