गर्मियों के मौसम में पेय पदार्थों को ज्यादा महत्तव दिया जाता है। चिलचिलाती गर्मी में शरीर को ठंडक और स्फूर्ति देने वाली चीजों का सेवन जरूरी है। ऐसे में छाछ शरीर को तरोताजा महसूस कराने में कामयाब होती है। इस मौसम में छाछ सबसे अधिक लाभदायक है। दही को मथने के बाद बनने वाली छाछ को न केवल ठंडे पेय के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, बल्कि इसका नियमित सेवन शरीर से बीमारियों को दूर भगाने में भी मदद करता है। नमकीन या मीठे छाछ से भरा एक गिलास आपको हाइड्रेटेड रखने के साथ ही पेट भी फुल कर देता है। छाछ को आप अपने स्वाद के अनुसार तैयार कर सकते हो। वहीं गर्मियों में दही का सेवन भी खूब किया जाता है, लेकिन छाछ को दही से ज्यादा बेहतर माना जाता है।
घर में छाछ बनाना बहुत आसान है। दही में पानी डालकर मथकर छाछ बनाई जाती है। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में दही लें और जितना दही लें उसका पांच गुना पानी मिलाए। फिर मथने के बाद यह छाछ बन जाती है जिसे मट्ठा भी कहते हैं। वहीं ये मथने की प्रक्रिया दही में मौजूद प्रोटीन को तोड़ देती है, जिससे इसे पचाना आसान हो जाता है। गर्मियों के मौसम में हल्का खाना खाने की सलाह दी जाती है, जो जल्दी डाइजेस्ट हो जाए। ऐसे में ठंडी छाछ प्लस प्वॉइंट है। क्योंकि ये प्यास बुझाने के साथ शरीर को ठंडा रखता है। छाछ डिहाइड्रेशन से बचाता है।
छाछ में विटामिन ए, बी, सी, ई और के होता है और इसका सेवन शरीर के पोषक तत्वों की कमी पूरी करता है। जिन लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती है, उन लोगों के लिए छाछ का सेवन जरूरी है। इसके हेल्दी बैक्टीरिया, कार्बोहाइड्रेट और लेक्टोज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
छाछ को भोजन के साथ लेना हितकारी होता है। यह आसानी से पचने वाला पेय है। छाछ का इस्तेमाल करके आप तरह-तरह के खाने में उपयोग कर सकते हैं। ताजे दही से बनी छाछ का प्रयोग ज्यादा लाभकारी होता है। छाछ से पेट का भारीपन, आफरा, भूख न लगना, अपच व पेट की जलन की शिकायत दूर होती है। दही की तुलने में छाछ में कैलोरी भी कम होती है। 100 ग्राम छाछ में 40 कैलोरी होती है, जबकि 100 ग्राम दही में लगभग 100 कैलोरी होती है। दक्षिण भारत में छाछ की मदद से स्पेशल सांभर बनाया जाता है। गुजरात में छाछ से कढ़ी, हांडवो और ढोकला बनााया जाता है। छाछ की मदद से आप केक, कुकीज भी बना सकते हैं।
खाना हजम न होने पर भुना हुआ जीरा, कालीमिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक छाछ में मिलाकर घूंट-घूंट कर पीने से खाना जल्दी पचता है। कमरदर्द, जोड़ों का दर्द व गठिया आदि में भी छाछ का प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह से कर सकते हैं। पीलिया रोग में भी एक कप छाछ में 10 ग्राम हल्दी मिलाकर दिन में तीन-चार बार लेने से फायदा होता है।
छाछ का नियमित इस्तेमाल करते रहने से बवासीर, मूत्र विकार, प्यास लगना और त्वचा संबंधी बीमारियों में लाभ होता है।गर्मी के कारण अगर दस्त हो रही हो तो बरगद की जटा को पीसकर और छानकर छाछ में मिलाकर पीएं। छाछ में मिश्री, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर रोजाना पीने से एसिडिटी जड़ से साफ हो जाती है।
इसमें हेल्दी बैक्टीरिया और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं साथ ही लैक्टोस शरीर में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगर कब्ज की शिकायत बनी रहती हो तो अजवाइन मिलाकर छाछ पीएं। पेट की सफाई के लिए गर्मियों में पुदीना मिलाकर लस्सी बनाकर पीएं। यह स्वस्थ पोषक तत्वों जैसे लोहा, जस्ता, फास्फोरस और पोटेशियम से भरी होती है।