बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि भविष्य की परीक्षाओं में किसी भी प्राइवेट कॉलेज में परीक्षा सेंटर नहीं दिया जाए। इसके अलावा बड़ी परीक्षाओं में स्वच्छ पदाधिकारियों को ही परीक्षा कार्य के लिए दंडाधिकारी नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया।
आयोग संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि 67वीं परीक्षा में जिस तरह का मामला प्रकाश में आया है। इसके बाद सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि ऐसे पदाधिकारियों की सूची तैयार की जाए, जिनका रिकॉर्ड खराब है। उन्हें किसी भी सूरत में परीक्षा के दौरान दंडाधिकारी नियुक्त नहीं किया जाए। जिलाधिकारी स्वच्छ छवि वाले दंडाधिकारी का चयन करें। इधर, ईओयू व बीपीएससी के अधिकारियों को अब तक हुई जांच के बाद जो सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं।
इस हिसाब से परीक्षा केन्द्र से ही गड़बड़ी के तार जुड़ रहे हैं। यहीं से प्रश्न-पत्र वायरल किये जाने की सूचना मिली है। आरा के जिस कॉलेज से घटना घटी है वह भी प्राइवेट कॉलेज है। इन्हीं कारणों से आयोग ने प्राइवेट कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाए जाने से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।
कई सरकारी कॉलेज मना कर देते हैं परीक्षा कराने से
इसबार की परीक्षा के लिए 1083 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। इसमें लगभग 30 प्रतिशत परीक्षा केन्द्र प्राइवेट कॉलेजों व स्कूलों को बनाया गया था। वहीं कई सरकारी कॉलेज परीक्षा कराने से मना कर देते हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है शिक्षकों व कर्मियों की संख्या कम है। साथ ही इन बड़ी परीक्षाओं में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है।
पेपर लीक की यह पहली घटना नहीं
राज्य की बड़ी परीक्षाओं में प्राइवेट कॉलेज व स्कूलों से पेपर लीक होने की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी बिहार कर्मचारी चयन आयोग की इंटर स्तरीय परीक्षा, जो वर्ष 2016 में हुई थी। इसका पर्चा लीक भी प्राइवेट स्कूल से ही हुआ था। इसके बाद मुख्य आरोपितों तक जांच टीम पहुंची।
पूरी तैयारी के बाद ही परीक्षा की तिथि निर्धारित होगी
आयोग के परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि 67वीं संयुक्त परीक्षा कब ली जाएगी। इसकी तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है। इस परीक्षा को कराने के पहले आयोग पूरी तैयारी बेहतर तरीके से करेगी। इसके बाद परीक्षा की तिथि निर्धारित की जाएगी। इस परीक्षा में अब कई स्तरों पर कार्य होना है। आगे की परीक्षाओं में संघ लोक सेवा आयोग की पद्धति को अपनाएं जाने की योजना बनाई जा रही है।