शहर के एपी कालोनी स्थित अर्श सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में शनिवार को एक अनोखी शादी हुई, लेकिन अगले ही दिन परिवार के साथ अस्पताल के कर्मियों की भी आंखें नम हो गई।
गुरारू प्रखंड के बाली गांव के निवासी ललन कुमार की पत्नी पूनम कुमारी वर्मा कई दिनों से बीमार चल रही थीं। उन्होंने परिवार के सामने शर्त रख दी कि उनकी बेटी चांदनी कुमारी की शादी उनके जिंदा रहते ही कर दी जाए। सीरियस होने के बाद उन्हें अर्श हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने मरीज की हालत को गंभीर बताते हुए आईसीयू में भर्ती किया था।
सगाई से एक दिन पहले हो गई शादी
ऐसी हालत में मरीज पूनम के परिवार ने बताया कि चांदनी की सगाई 26 दिसंबर को गुरुआ प्रखंड के सलेमपुर गांव के निवासी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त विद्युत कुमार अंबेडकर और नीलम कुमारी के बेटे सुमित गौरव के साथ होना तय थी। लेकिन लड़की की मां की जिद के कारण दोनों की शादी सगाई के पहले ही शनिवार की रात को ही कर दी गई। दूल्हा और दुल्हन ने आईसीयू में ही मां के सामने सिंदूरदान किया। इसके बाद वरमाला और शादी के अन्य संस्कार आईसीयू के बाहर निभाए गए।
अगले ही दिन मांं ने तोड़ा दम
जानकारी के अनुसार, शादी के दूसरे दिन रविवार की दोपहर लड़की की मां का निधन हो गया। पूनम की मौत की खबर सुन सभी की आंखें नम हो गई। अपनी मां को खोने वाली चांदनी कुमारी ने बताया कि उनकी मां पूनम कुमारी वर्मा मगध मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में एएनएम के पद पर कार्यरत थीं और कई दिनों से बीमार चल रही थी। वह हृदय रोग से पीड़ित थी। मां की इच्छा रखने के लिए उन्होंने अस्पताल में शादी की।