द्रव्य ने खुद के संघर्ष के लिए कोचि शहर को चुना। जहां उसको और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोचि में आम तौर पर हिंदी नहीं बोली जाती है। इसलिए द्रव्य को पहचाने की शर्त पूरी करने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आती। द्रव्य ने कोचि में 4 हजार रुपए की नौकरी की और जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना किया।
सावजी ढोलकिया वो बिजनेसमैन हैं, जिन्होंने दिवाली पर अपने कर्मचारियों को तोहफे में कार, फ्लैट और हीरे-जेवरात दिये हैं। लेकिन अपने बेटे को जिंदगी का सबब सीखने के लिए अकेले भेज दिया।