ग्रेटर नोएडा की तरह बिहार में बिहटा का तेजी से विकास हो रहा है। शैक्षणिक एवं औद्योगिक क्षेत्र के व्यापक विस्तार के कारण बिहटा अब रियल इस्टेट का भी हब बनने लगा है।
बिहटा-खगौल मार्ग से लेकर परेव तक, बिहटा-लई मार्ग, बिहटा-पतूत मार्ग, बिहटा-मनेर मार्ग में देवकुली सहित कई अहम गांव में दर्जनों रियल इस्टेट कंपनियां हजारों एकड़ में भवन निर्माण करा रही हैं।
व्यवस्थित तरीके से हो रहे इस निर्माण को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है। इसका नतीजा है कि कंपनी को मुंहमांगी कीमत मिल रही है, जिसका सीधा फायदा किसानों को हुआ है।
दस साल पहले किसानों को जमीन बेचने पर औने-पौने दाम मिलते थे। कई मौकों पर तो कोई खरीदार भी नहीं मिलते थे। लेकिन आज स्थिति अलग है।
मुख्य सड़क और उसके आसपास की जमीन की बात छोड़िए, अधिकांश लिंक रोड में भी चार लाख रुपए प्रति कट्ठे के हिसाब से जमीन बिक रही है।
इससे पूरे इलाके की आर्थिक स्थिति ठीक हो गई है। गांव में इसका व्यापक असर देखने को मिला है। अब लोग आसानी से चारपहिया वाहन खरीद रहे हैं।
बिहटा के लोगों को अब रोजमर्रा के काम के लिए अन्य प्रदेश या बाहर जाने की जरूरत नहीं रही। आसानी से उन्हें घर बैठे अच्छे मेहनताना पर काम मिल रहा है।