बिहार के लाल सुप्रभात बने गूगल इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट, अमेरिका ने भी दिया ऑफर

एक बिहारी सब पर भारी

Patna: जिले के पिंडारूच निवासी 21 वर्षीय सुप्रभात वत्स गूगल इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट बने हैं। उन्होंने बीते 28 अगस्त को हरियाणा के गुरुग्राम स्थित गूगल के कार्यालय में योगदान दिया। उन्हें अमेरिका की तीन यूनिवर्सिटी क्रमश: आक्सफोर्ड, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड ने कंप्यूटर साइंस में इंटीग्रेटेड कोर्स विद पीएचडी के लिए फुल स्कालरशिप देने की घोषणा की है। साथ ही इस अवधि का वेतन देने का भी ऐलान किया, लेकिन वे देश में ही काम करना चाहते हैं।

साइबर सिक्योरिटी समेत 17 विषयों के जानकार 

बचपन से ही पढऩे में मेधावी सुप्रभात ने कंप्यूटर साइंस के उन 17 विषयों पर गहनता से अध्ययन किया है, जो देश की साइबर सुरक्षा के लिए अहम है। इनमें साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अलावा अगले 10 से 20 सालों में मानव दिमाग को हैक करने से बचाने की विधा समेत कुल 17 विषय शामिल हैं । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित सुप्रभात देश की साइबर सुरक्षा के लिए काम करना चाहते हैं । वे इससे पहले टीसीएस, इंफोसिस, एक्सेंचर, जेपी मोर्गन सहित अन्य कंपनियों में काम कर चुके हैं।

सहरसा ज‍िले में प्रारंभ‍िक श‍िक्षा

सुप्रभात की प्रारंभिक शिक्षा सहरसा जिले में हुई। इनके पिता प्रो. विनय कुमार चौधरी सहरसा के राजेंद्र मिश्र कालेज में पदस्थापित रहे। डीपीएस सहरसा से 2017 में इंटर पास किया। फिर कोलकाता की एडमास यूनिवर्सिटी में बी-टेक (कंप्यूटर साइंस) किया। बीटेक के तृतीय वर्ष में ही इन्होंने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में विशेषज्ञता हासिल की । अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और जर्मनी की डियोलाइट से भी जुड़े।

सुप्रभात की मां डा. कल्पना चौधरी समाजशास्त्र में पीएचडी हैं । सुप्रभात की बड़ी बहन ऋचा मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त करने के बाद फ्रांस की कंपनी एटास में काम करती हैं। छोटी तमिलनाडु में इंडियन ओवरसीज बैंक में स्केल-टू आफिसर हैं। दरभंगा के रहने वाले सुप्रभात बचपन से ही तेज तरार छात्र रहे हैं ।

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