बिहार के किसान के बेटे को IFS के ऑल इंडिया रैंकिंग में मिला 9वां स्थान

एक बिहारी सब पर भारी

बिहार में ग्रामीण माहौल में पले-बढ़े छात्रों में भी प्रतिभा की कमी कभी नही रही।उचित माहौल मिलने पर उन्होंने हमेशा अपनी मज़बूत इच्छा शक्ति, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से दुस्साध्य परिस्थितियों में भी दुर्लभ सफलता अर्जित की है।

ऐसे ही एक युवक की कहानी बता रहें हैं आज हम आपको। ये शख्स है सराय थाना क्षेत्र के शंभोपुर गांव लालकोठी के कुंदन कुमार जिन्होंने देश की प्रतिष्ठित सेवा भारतीय वन सेवा में अखिल भारतीय स्तर पर 9वीं रैंक हासिल कर भारतीय वन सेवा अधिकारी बने।

पेशे से किसान पिता हरेन्द्र प्रसाद सिंह और कुशल गृहणी मां निर्मला देवी छह सन्तानों में कुंदन सबसे छोटे है। कुंदन के परिवार वाले बताते हैं की उसमें बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा का दर्शन होने लगा था। पहले छठी कक्षा में उसका चयन नवोदय विद्यालय में हुआ और फिर वर्ष 2001 में उसने दामोदरपुर स्थित रामदयालू आदर्श उच्चविद्यालय से 74 प्रतिशत अंकों के साथ मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। धनुषी स्थित रामविदेशी सिंह कॉलेज से वर्ष 2003 में 75 प्रतिशत अंकों के साथ इंटर किया और वर्ष 2004 में बीसीइसीइ की परीक्षा पास कर सिंदरी में सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। कुंदन को इतने से संतुष्टि नही मिली और 2005 में फिर से बीसीइसीइ की परीक्षा दिया और 91वीं रैंक लाकर सिंदरी में ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू किया। इंफोसिस टेक्नोलॉजी में कैंपस सेलेक्शन के बाद मैसूर में अभियंता के पद पर योगदान किया।

कुंदन ने अपनी पढाई का सिलसिला नहीं थमने दिया और लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होते रहे। गेट में 245वां रैंक के साथ आइआइटी दिल्ली से एम टेक, भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में सहायक वैज्ञानिक, बीएचइएल तथा एनटीपीसी में चयन और हरियाणा के झझड़ में एनटीपीसी में सहायक प्रबंधक के पद तक का शानदार सफर तय किया और एक बार फिर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की।

2015 में यूपीएससी की पीटी परीक्षा में सफल हुए और आइएफएस की पीटी और मेंस दोनों की परीक्षा में सफलता मिली।

इसी बीच कुंदन अपने भाइ चंदन की शादी में शामिल होने गांव आये थे और बारात के दिन ही चाचा शिक्षक नरेन्द्र प्रसाद सिंह एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने पर उनके इलाज के लिए कुंदन को पटना में एक महीने का समय लग गया जिस कारण इंटरव्यू की तयारी भी न कर पाए। लेकिन इस बात की ख़ुशी थी की चाचा को मौत के मूंह से बाहर निकाल लिया।

एनटीपीसी में कार्यरत रहकर एक बार फिर से परीक्षा की तैयारी में की और भारतीय वन सेवा में 9वां स्थान प्राप्त किया। यूपीएससी 2016 की पीटी और मेंस की परीक्षा पास कर चुके कुंदन पूरी निष्ठा से 25 मई को होने वाले इंटरव्यू की तैयारी में जुटे हैं।

अपने माता-पिता के साथ कुंदन अपनी अब तक की सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों, परिजनों और गांव वालों को देते हैं। भारतीय वन सेवा में बिहार कैडर को चुनकर कुंदन समाज के पिछड़े वर्ग के उत्थान को लेकर कार्य करना चाहते हैं।

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