आरजे अंजली सिंह जो ‘बिहार की आवाज़’के नाम से मशहूर हैं, अभी अमेरिका में आयोजित हो रहे इंटरनेशनल विज़िटर्स लीडरशिप प्रोग्राम (आईवीएलपी) में देश की प्रतिनिधि बनकर बिहार समेत पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं।
27 मार्च 2017 से 14 अप्रैल 2017 तक शुरू होने वाले ‘नई और पारंपरिक मीडिया’ परियोजना का हिस्सा बनने के लिए अमेरिका में आमंत्रित की गईं हैं।
आईवीएलपी मीडिया, सरकार, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, अम्बेनिया, स्वास्थ्य और देखभाल समेत कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लीडरशिप प्रोग्राम आयोजित करता रहता है। असंख्य देशों में से, 24 देशों को अपना एक प्रतिनिधि एक भेजने की अनुमति मिली जिन्हें मीडिया में कई वर्षों के योगदान और उनकी कार्य की श्रेणी के आधार चुना गया था।
अमेरिकी विदेश नीति का मुख्य तत्व है एक आज़ाद और जिम्मेदार प्रेस को प्रोत्साहित करना जो देश के नागरिकों को सही और सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करे ताकि सरकार और संस्थाएं सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभाएं। यह प्रोजेक्ट संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रसारण, इतिहास और प्रसारण के कार्य का परिक्षण करेगा।
यह परियोजना मध्य स्तर के रेडियो, टेलीविजन और ऑनलाइन मीडिया प्रबंधकों, निर्देशकों, निर्माता, संपादकों, लेखकों और प्रसारण मीडिया में काम करने वाले प्रशासनिक कर्मियों के लिए है।
अंजलि सिंह कहती हैं की उनके लिए यह एक सम्मान है की बात है की एक बिहारी लड़की दुनिया भर में देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। आईवीएलपी की सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे सम्माननीय प्रधान मंत्री वहां दो बार गए हैं।
इस सम्मान से सम्मानित होने पर आरजे अंजलि सिंह अपने दिल की बात कहते हुए बताती हैं की
“मैंने हमेशा से ये मानती आई हूँ कि दुनिया बहुत ही छोटी है। लोग आमतौर बिहार! बिहार! की टिप्पणी करते हैं। लेकिन दुनिया भर में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
मुझे आज एक स्पोर्ट पर्सन की तरह महसूस हो रहा जो अपने देश को जीतने के लिए मैदान में उतरता है। अभी तक मुझे लोग बिहार में जानते थे लेकिन अब अंजलि सिंह के रूप में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना अपने आप में एक सम्मान है।
पिछले 10 वर्षों में कई दफा लोगों से मैं सुनती आ रही हूँ की मुझे किसी मेट्रो सिटी में चले जाना चाहिए। आज भी मुझे लगता है की अगर पूरी लगन और समर्पण के साथ काम किया जाये तो सफलता और किसी पेशे के लिए जगह कोई मायने नही रखती। किसी व्यक्ति की सफलता या पेशे के लिए जगह कभी नहीं होती है। इस छोटी सी दुनिया में आप अपना रास्ता खोज ही लेंगे।”