ज्योति परिहार यहां की निदेशक हैं और रवि मुकुल यहां बच्चों को नाटक का प्रशिक्षण देते हैं. शब्दश: धुन के पक्के. बच्चों के साथ प्रशिक्षण सत्र के दौरान उन्हेंं देखकर किसी को भी यह बात बड़ी आसानी से समझ में आ सकती है. सच में, मार्गदर्शक जब ड्यूटी की औपचारिकता से बढ़कर किसी के अभिनय हुनर को मांजने में स्वयं को जुनून की हद तक जाकर समर्पित कर दे तो फिर निष्फल कुछ भी नहीं होता है. सबकुछ सकारात्मक और फलित होता ही दिखता है. ‘सबसे बड़ा कलाकार’ रियलिटी शो में बच्चों की ताजातरीन कामयाबी उनके सेवा-समर्पण की ही परिणति है.
