बिहार चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बिजली दरों में अप्रत्याशित वृद्धि पर चिंता जताई है | चैंबर अध्यझ पीके अग्रवाल ने कहा – विधुत दरों में वृद्धि परेशान करने वाली है| आने वाले साल के राजस्व की जरूरत का अंतर 5294 .63 करोड़ आँका गया है , जिश्की भरपाई के लिए 4700 .28 करोड़ रूपये का बोझ लोगों पर डाला गया है
जबकि कंपनियों को अपने काम में सुधार लाकर राजस्व बढ़ाना चाहिए | बिहार में उधोग-धंधो का हाल पहले से चिंताजनक है | अब ऐसी बढ़ोतरी से हालात और ख़राब होंगे | बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से जुड़े लोग का कहना है की बिजली एवं कोयले की खरीद मूल्य पिछले साल की तुलना में घटा है , इश्के बाद बिजली की दरों में 55 % की बढ़ोतरी ठीक नही है |
छोटी औधोगिक इकाइयां बंद हो जायेगी |