बिहार में मंकीपॉक्स वायरस के संभावित संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट हो गया है। मंकीपॉक्स की जांच के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को दिशानिर्देश दिए गए हैं। मंकीपॉक्स की जांच के लिए एक मरीज के सात अलग-अलग सैंपल लिए जाएंगे। बिहार में फिलहाल मंकीपॉक्स जांच की सुविधा नहीं है। एक संदिग्ध मरीज का सैंपल पूर्व में दिल्ली एम्स की लैब में भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
मंकीपॉक्स के लिए बिहार के सभी जिलों में तैनात एपिडेमोलॉजिस्ट और लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी गई है। मरीजों के घाव, मूत्र और ब्लड के 7 सैंपल लिए जाएंगे। मरीज के सैंपल को थ्री लेयर पैकिंग में जांच के लिए भेजना होगा। सैंपल को 4 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाएगा।
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के प्रभारी डॉ. रणजीत कुमार ने बताया कि गया जिले के फतेहपुर के रहने वाले युवक का सैंपल दिल्ली एम्स में जांच के लिए भेजा गया। इसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब तक राज्य से एक ही सैंपलल मंकीपॉक्स की जांच के लिए आगे भेजा गया था।
मंकीपॉक्स को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने बताया कि मंकीपॉक्स के सैंपल लेने में भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। इससे दूसरे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मी भी सुरक्षित रहेंगे। सभी सैंपल को सीलबंद करके आगे भेजना है, ताकि संक्रमण दूसरों में न फैले।