पथनिर्माण विभाग ने राज्य के सभी 4006 किमी स्टेट हाईवे को दो लेन करने की कार्ययोजना बना ली है। इसकी चौड़ाई कम से कम दो लेन (7 मीटर पिच और 3 मीटर फ्लैंक) करने का मानक तय है।
इसी नीति के तहत केंद्रीय एजेंसी इरकॉन और सीपीडब्ल्यूडी ने पहले चरण में 2017 किमी स्टेट हाईवे को जदयू-भाजपा गठबंधन के पहले कार्यकाल में दो लेन किया।
राष्ट्रीय सम विकास योजना की राशि से इन सड़कों का कायाकल्प हुआ। इसके बाद तत्कालीन जदयू-भाजपा गठबंधन की पहली सरकार ने एशियन डेवलपमेंट बैंक से लोन लेकर स्टेट हाईवे को बनाने का निर्णय किया।
इसके तहत सर्वप्रथम बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट (बीएसएचपी-1) के अंतर्गत वर्ष 2009 में 824 किमी सड़क को दो लेन बनाया गया।
दूसरी बार 2011 में फिर जदयू-भाजपा गठबंधन की सरकार बनी तो बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट (बीएसएचपी-2) के तहत 642 किमी स्टेट हाईवे को दो लेन में बदलने का कार्यक्रम शुरू हुआ।
इसमें 387 किमी सड़क का निर्माण 2011 में शुरू हुआ तो 255 किमी सड़क का निर्माण 2013 में शुरू किया गया। इनमें अबतक 99 किमी हाईवे का निर्माण पूरा हो पाया है।
अभी 543 किमी सड़क का निर्माण चल रहा है। पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों की माने तो इसमें 75 फीसदी का निर्माण मार्च, 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस तरह कुल 4006 किमी स्टेट हाईवे में से अबतक 3483 किमी का दो लेन में बदलना तय हो गया है। उम्मीद है कि अगले वर्ष की शुरुआत में 306 किमी सड़क का दो लेन निर्माण शुरू हो जाएगा।
स्टेट हाईवे को भी दो लेन में बदलने की कार्रवाई की जा रही है।