बिहार का होनहार लाल- कमाने के लिए रात में गायकी, दिन में पढ़ाई कर बन गए सहायक तकनीकी प्रबंधक

एक बिहारी सब पर भारी खबरें बिहार की

बेटे को पढ़ाने के लिए मां मजदूरी करती थी। बेटा रात में गीत गाकर कमाता था ताकि वह पढ़ सके। आज तकनीकी प्रबंधक बन गया है।

आज मजदूर दिवस है। ऐसे में हम आपके सामने ला रहे हैं गड़खा प्रखंड के ऐसे व्यक्ति को जिसने मजदूरी करके पढ़ाई पूरी की और आज सहायक तकनीकी प्रबंधक के रूप में अमनौर प्रखंड के कृषि विभाग में कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार गड़खा प्रखंड के मजलिसपुर गांव निवासी राम कली देवी जीतन महतो के पुत्र संतोष कुमार महतो बहुत ही गरीब परिवार से थे। उनका पिता कोई भी कार्य नहीं करते थे। उनकी मां मजदूरी करती थी।
जिससे किसी तरह परिवार के चार भाई और एक बहन का भरण पोषण हो पाता था। ऐसे में पढ़ाई करना बहुत ही मुश्किल थी। संतोष को एक शिक्षक सुरेश प्रसाद यादव का सानिध्य मिला और फिर उन्होंने पढ़ाना शुरू किया।

 

फिर क्या था?

मन में पढ़ाई के प्रति जज्बा जगी लेकिन पारिवारिक स्थिति सही नहीं होने के कारण दिन प्रतिदिन मनोबल गिरता गया।

फिर शिक्षक की मदद से उसने कमाने की ठानी।

तीर गांव के ही शिवशंकर व्यास के साथ झाल ढोलक बजाने (गायकी)के साथ पढाई भी जारी रखी। रात में गायकी में जाता था और दिन में पढ़ाई।

जब मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई बलिया जिला से बीएसी की डिग्री हासिल की।

लखनऊ से एग्रीकल्चर की पढ़ाई की। उसके बाद अमनौर प्रखंड में सहायक तकनीकी प्रबंधक के रूप में कार्यरत हुए। काम जारी रखा और फिर गांव में मिठाई भी बांटी लेकिन ग्रामीणों को भरोसा नहीं हुआ।

छह माह पहले जब घर बनाने का कार्य शुरू किया तब लोगों को विश्वास हुआ कि संतोष को सरकारी नौकरी मिल गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *