बिहार में पंचायत चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने की उम्मीद हैं. पंचायत चुनाव के तैयारी की रफ्तार तेज हो गई है. ईवीएम से लेकर कम्युनिकेशन तक का प्लान तैयार हो रहा है. कोरोना महामारी के इस दौर में हो रहे चुनाव को लेकर हर स्तर पर तैयारी की जा रही है. पंचायतों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कोविड प्रोटोकॉल के तहत चुनाव को सकुशल संपन्न कराना राज्य निर्वाचन आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. यही कारण है कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों से लेकर मतदान और मतगणना तक कोरोना से बचाव के लिए हर स्तर पर पुख्ता इंतजाम करने में लगा है.
पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले अधिकारियों और प्रत्याशियों के साथ-साथ मतदाताओं को वैश्विक महामारी से बचाने के लिए विशेष एहतियात बरतने की हिदायत आयोग द्वारा दी गई है. बिना मास्क के अगर कोई मतदाता वोट देने जाता है तो उसे तत्काल 50 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा. मतदान केंद्रों पर चुनाव आयोग की ओर से भी मास्क का प्रबंध किया जाएगा. इसके बाद भी अगर कोई निर्देशों की अवहेलना करते पाया जाता है तो फिर आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बिहार में पंचायत सदस्यों का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो गया, जिसके राज्य सरकार ने विकास कार्यों की देखरेख के लिए पंचायत सलाहकार समितियों का गठन किया। समितियां नए सदस्यों के निर्वाचित होने तक राज्य में पंचायतों की ओर से किए गए कार्यों की निगरानी करेंगी। निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘इस साल मानसून ने बिहार में समय पर प्रवेश किया है। अगर चीजें अपेक्षित रास्ते पर चलती हैं, तो चुनाव की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर में शुरू हो जाएगी।’
पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी की योजना बना रहे लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर प्रशिक्षण, नामांकन और मतदान के अलावा मतगणना के लिए भी अधिकारियों के लिए तमाम तरह के गाइडलाइन जारी किए हैं, जिन्हें मानना जरूरी है. अगर आपने इन बातों का ध्यान नहीं दिया तो नामाकंन के बाद आपकी उम्मीदवारी रद्द हो सकती है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उम्मीदवारों को 5 से अधिक लोगों के समूह में प्रचार करने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करना भी उनके लिए जरूरी होगा. प्रशिक्षण वाली जगहों के अलावा मतदान केंद्रों के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का सैनिटाइजेशन करवाया जाएगा. यही नहीं जो कर्मी और अधिकारी प्रशिक्षण लेने पहुंचेंगे उनके लिए थर्मल स्क्रीनिंग की तो व्यवस्था होगी ही साथ ही जरूरत पड़ने पर की पीपीई किट भी उपलब्ध कराई जाएगी.
निर्वाचन आयोग द्वारा यह बताया गया है कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और साथ ही उनके शरीर का तापमान निर्धारित मानक से अधिक पाए जाने पर उन्हें प्रिंटेड टोकन नंबर भी दिया जाएगा. इसका मकसद यह होगा कि ऐसे मतदाताओं से अंतिम घंटे में मतदान कराया जाएगा.
आयोग ने व्यवस्था की है कि अधिकतम 850 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र का गठन किया जाए. ऑनलाइन नामांकन का भी विकल्प रखा जाएगा. आवेदक के साथ 1 प्रस्तावक को ही नामांकन के समय कार्यालय पहुंचने की अनुमति दी जाएगी. नामांकन के समय आवेदक को एक ही वाहन लेकर नामांकन केंद्र तक पहुंचना होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा यह भी व्यवस्था की गई है कि चुनाव चिन्ह यानी उम्मीदवार का जो सिंबल होगा उसके आवंटन के समय निर्वाचित पदाधिकारी के सामने केवल आवेदक या फिर उसके द्वारा अधिकृत किए गए एजेंट के ही जानें कि अनुमति होगी. चुनावी सभा में भाग लेने वालों की संख्या उतनी होनी चाहिए जितना राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा निर्धारित किया गया हो.