एक दौर था जब गया जिले के इमामगंज को बिहार का अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता था. इस इलाके में नक्सलियों का खौफ हुआ करता था और लोग घर से निकलकर बाजार जाने के लिए सोचते थे. लेकिन बदलते जमाने के साथ शिक्षा के माध्यम से इस इलाके के युवा पीढ़ी क्षेत्र की तस्वीर बदल रहे हैं. अब विभिन्न सरकारी नौकरी में अपनी सेवा दे रहे हैं. हाल के दिनों में इसी क्षेत्र से 5 लड़कियों का चयन डिफेंस के विभिन्न सेक्टर में हुआ है. अब इस क्षेत्र की बेटियां भारत मां के लिए सेवा देंगी. आज हम एक ऐसे ही लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अत्यंत गरीबी से निकलकर आईटीबीपी में चयनित हुई है. हम बात कर रहे हैं इमामगंज के पथरा गांव के रहने वाली शोभा कुमारी की.
काफी कठिनाइयों का सामना कर की पढ़ाई पूरी
शोभा के पिता रंजीत प्रसाद किसानी मजदूरी करते हैं, जबकि माता गृहणी है. घर में सबसे बड़ी शोभा है. इसकी पढ़ाई-लिखाई में इनके माता पिता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. शोभा और इनका परिवार अपने ननिहाल रारानीगंज में ही रहते हैं. वहीं से इनकी पढ़ाई हुई. सरकारी विद्यालय से आठवीं तक की पढ़ाई की उसके बाद मैट्रिक की परीक्षा पब्लिक हाई स्कूल से हुई और इंटरमीडिएट की पढ़ाई संजय गांधी इंटर कॉलेज से हुई है.
इंटरमीडिएट के पढ़ाई पूरा होने के बाद शोभा कंप्टीशन की तैयारी में जुट गई. 2022 में एसएससी जीडी के लिए अप्लाई किया. जिसमें इनका चयन आईटीबीपी के लिए हुआ है. 31 अगस्त को मेरिट लिस्ट में इनका नाम आया है.
नक्सल क्षेत्र से निकल आईटीबीपी का तक का सफर
शोभा के लिए नक्सल क्षेत्र से निकलकर आईटीबीपी का जवान बनने तक का सफर इतना आसान नहीं रहा है. कई कठिनाइयों से गुजरते हुए शोभा ने यह मुकाम हासिल की है. शोभा इमामगंज में एक निजी कोचिंग संस्थान से जनरल कंपटीशन की तैयारी की और लिखित परीक्षा में पास होने के बाद फिजिकल ट्रेनिंग पास करना अनिवार्य था. फिजिकल ट्रेनिंग के लिए शोभा इमामगंज में ही एक रिटायर्ड सैनिक के द्वारा संचालित किया जा रहा फिजिकल ट्रेनिंग अकादमी से निशुल्क प्रशिक्षण लिया और केंद्र के प्रशिक्षक मनजीत कुमार सिंह के मार्गदर्शन में काफी कुछ सीखा.
पहली बार पांच लड़कियों का चयन डिफेंस सेक्टर में
शोभा की मां उर्मिला देवी बताती है कि हम लोगों काफी मेहनत करके शोभा को पढ़ाएं हैं. इस दौरान काफी परेशानी हुई है. यही वजह है कि मायके में ही रहकर अपने बच्चों को मेहनत मजदूरी करके पढ़ाया लिखाया और आज शोभा ने अपनी मेहनत के बदौलत कर दिखाया है.