नरेंद्र मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में मचे बवाल के शांत होने के बाद अब बिहार के प्रमुख स्टेशनों से ट्रेनों की आवाजाही काफी हद तक बहाल हो गई हैं। अभी पूरी क्षमता से पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह शुरू नहीं होने से दैनिक यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार की लंबी दूरी की लगभग 90 प्रतिशत ट्रेनों का आवागमन शुरू होने से यात्रियों को काफी राहत मिली है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि 50 प्रतिशत पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन भी शुरू कर दिया गया है। बुधवार को पटना-गया रेलखंड पर जनशताब्दी एक्सप्रेस सहित दो पैसेंजर ट्रेनों के गुजरने से इस रेलखंड के यात्रियों को काफी राहत हुई। हालांकि, तारेगना स्टेशन को अब भी पूरी तरह क्रियाशील होने में एक दो दिनों का समय लग सकता है। इस स्टेशन को पिछले दिनों उपद्रवियों ने फूंक दिया था, जिसकी वजह से ट्रेनों का परिचालन पटना-गया रेलखंड पर पूरी तरह ठप पड़ा था।
बुधवार की देर रात पटना से गंगा दामोदर एक्सप्रेस को भी चलाने की तैयारी की जा रही है। इन ट्रेन के चलने से गया और धनबाद आने-जाने वाले यात्रियों को राहत मिली है। बुधवार को मगध एक्सप्रेस, पटना हटिया, पटना भभुआ इंटरसिटी, संघमित्रा एक्सप्रेस समेत 75 से 80 ट्रेनें रद्द रहीं, जिससे यात्रियों को थोड़ी असुविधा हुई है। अधिकतर ट्रेनों की रैक इधर-उधर फंसे होने से इन ट्रेनों को रद्द करना पड़ रहा है। अगले एक-दो दिनों में इन ट्रेनों को भी बहाल कर दिया जाएगा।
पटना-दिल्ली रूट की लगभग ट्रेनें ट्रैक पर
पटना दिल्ली रूट पर राजधानी एक्सप्रेस संपूर्ण क्रांति, विक्रमशिला जैसी ट्रेनों के शुरू होने से भारी राहत मिली है। विमान सेवाओं पर पिछले दिनों लोड बढ़ जाने से किराया काफी बढ़ गया है। इन ट्रेनों के शुरू होने से हवाई किराये में भी काफी कमी आई है। पाटलिपुत्र जंक्शन से लोकमान्य तिलक टर्मिनल जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस का परिचालन बुधवार से शुरू हो गया। मुंबई रूट पर ट्रेनों की डिमांड बढ़ने से इस रूट के हवाई किराये में काफी बढ़ोतरी हुई थी।
गुरुवार को भी पाटिलपुत्र टर्मिनल से लोकमान्य तिलक के लिए इस ट्रेन की रवानगी तय है। ट्रेनों के बहाल होने से रेलवे को भी राजस्व की कमाई पटरी पर लौटी है। पिछले दो-तीन दिनों में ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के बावजूद रेलवे स्टेशनों पर अलर्ट की स्थिति है।