शराबबंदी कानून में संशोधन (Amendment in Prohibition Law) के बाद प्रदेश कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा है कि सरकार ने मान लिया है कि शराबबंदी कानून में खामियां हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा (Congress State President Dr Madan Mohan Jha) ने बुधवार को कहा कि सरकार को लग गया था कि वह निर्दोष लोगों को लंबे समय तक जेल में नहीं रख सकती। इसी वजह से उसने कानून को और सरल बना दिया है।
सफल नहीं होने का प्रमाण है बार-बार का संशोधन
डा. झा ने कहा कि किसी योजना-परियोजना के साथ कानून में बार-बार संशोधन इस बात का प्रमाण है कि कानून सफल नहीं हो रहा है, इसी वजह से संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा नीतीश सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि बिहार में शराबबंदी कानून सफल नहीं हो पाया। जबकि विपक्ष सरकार को हर प्रकार से सहयोग देता रहा है और आगे भी सहयोग देने को तैयार है। शराबबंदी कानून की सफलता सरकार के प्रयासों पर निर्भर है।
पूर्व सीएम ने संशोधन को बताया सराहनीय कदम
बता दें कि शराबबंदी कानून को लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर रही हैं। सत्ताधारी दल हम के मुखिया व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के सुर भी कुछ ऐसे ही थे। हाल में उन्होंने गया में संशोधन पर संतोष जताया। इसके लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि वे हमेेशा से संशोधन के पक्षधर थे। क्योंकि इससे सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब वर्ग के लोग हो रहे थे। माफिया और तस्कर तो छूट जाते थे, फंसते थे गरीब। तीसरी बार कानून में समीक्षा हुुुई है। मांझी ने अपने थोड़ी-थोड़ी पीने के बयान पर कहा कि यह तो डाक्टर ही कहते हैं कि इसे सीमित मात्रा में लिया जाए तो शरीर के लिए बेहतर होता है। जो मजदूर हैं वे रात में सोते समय थोड़ी सी पीयें तो सुबह उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी।