बिहार में गंगा नदी के तट पर बसे लखीसराय जिले का बड़हिया अपनी लजीज मिठाइयों की मिठास के लिए बहुत मशहूर है. बड़हिया को ‘रसगुल्ले की नगरी’ कहकर पुकारा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. बड़हिया के रसगुल्ले की मांग बिहार के साथ पड़ोसी राज्यों और नेपाल में भी होती है
रसगुल्ले की नगरी बड़हिया में हर किस्म के रसगुल्ले बनते हैं, लेकिन इन सबों में एटम बम नाम की रसगुल्ले की लोकप्रियता है. इस रसगुल्ले का साइज इतना बड़ा होता है कि एक खाने के बाद दूसरे खाने की हिम्मत नहीं जुट पाती है. स्वाद इतना शानदार की मन और खाने का करे.
बड़हिया के एटम बम रसगुल्ले की खासियत यह है कि आज भी यहां 130 से 250 रुपए प्रति किलो रसगुल्ला बिक रहा है. लग्न या फिर बड़े आयोजनों में लोग ऑर्डर पर रसगुल्ला ले जाते हैं. यहां के रसगुल्ले शुद्ध छेना, बिना मैदे और पतली चासनी के बनाए जाते हैं.
सगुल्ले बनाने वाले कारीगर ने बताया कि यहां दियारा एरिया व आसपास के इलाकों के दूध से छेना निकालते हैं. छेना को भरपूर फेंटा लगाया जाता है, जिस वजह से यहां के रसगुल्ले मुलायम और काफी हल्के होते हैं. बिना मैदे और पतली चासनी से इसे बनाया जाता है, जो इसे और लजीज बना देता है
बड़हिया में छोटे-बड़े मिलाकर मिठाई की लगभग 100 दुकानें हैं, जहां रसगुल्ला बनाया जाता है. यहां रसगुल्ले की 100 से ज्यादा दुकानें हैं, जहां रोजाना तकरीबन एक से दो क्विंटल रसगुल्ले बिकते हैं. इसे बनाने के लिए मजदूर और कारीगर भी लगते हैं. यहां एक दुकान में तकरीबन 20 से 25 कामगार हैं, यानी 2500 लोगों का घर रसगुल्ले के कारोबार से चल रहा है.
इसके अतिरिक्त यहां अन्य किस्म की मिठाइयां बनती हैं. यहां के कारीगरों द्वारा बनाया गया गुलाब जामुन (Gulab Jamun), स्पंज (Sponge), क्रीमचॉप (Creamchop), रसमलाई (Rasmalai), एटमबम (Atombum), राजभोग (Rajbhog) की डिमांड काफी ज्यादा है