अगर आप सेकंड हैंड गाड़ियों की बिक्री करने का व्यापार करते हैं या फिर आप पुरानी गाड़ी किसी से खरीद रहे हैं तो तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. ऐसे लोगों को अब बिहार में परिवहन कार्यालय से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. किसी ग्राहक के साथ धोखाधड़ी ना हो इसके लिए यह फैसला लिया गया है. पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री करने वाले डीलरों पर नजर रखने के लिए परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया है. इस बारे में विशेष रूप से परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि इससे पुरानी गाड़ियों की खरीद और बिक्री में सुगमता आएगी और फ्रॉड की संभावना भी कम हो जाएगी.
संजय अग्रवाल के अनुसार मोटर वाहन नियमावली में बदलाव होने के बाद 1 अप्रैल, 2023 से अब यह अनिवार्य हो गया है कि पुरानी गाड़ियों का कारोबार करने वाले लोग परिवहन कार्यालय जाकर पहले अपनी सारी जानकारी वहां अंकित करवाएं और फिर रजिस्ट्रेशन करवाएं. वाहन की बिक्री से लेकर खरीद तक सारी जानकारी अब परिवहन विभाग के पास ऑनलाइन उपलब्ध होगी. अगर बिक्री के बाद वाहनों से यदि कोई अपराध की घटना घटित होती है या एक्सीडेंट होता है तो वाहन मलिक की जवाबदेही नहीं रहेगी, बल्कि डीलर इसके लिए जवाबदेह होंगे. डीलर को एक मूवमेंट रजिस्टर रखना होगा जिसमें गाड़ी खरीद के बाद बेचने तक की सारी रिपोर्ट लिखनी होगी.
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
वाहन डीलर को प्राधिकार प्रमाण-पत्र लेने के लिए परिवहन विभाग से जुड़े वाहन पोर्टल पर प्रारूप-29 (क) में आवेदन करना होगा. इसमें डीलर को अपना नाम, पता, कारोबार का स्थान, मोबाइल नंबर, पैन नंबर, जीएसटी नंबर और ईमेल आईडी देना होगा. एक बार रजिस्टर्ड हो जाने के बाद वाहन डीलरों को अपने कब्जे वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण-पत्र का नवीकरण कराने, फिटनेस प्रमाण-पत्र के नवीकरण, डुप्लीकेट पंजीयन प्रमाण-पत्र बनाने, एनओसी और स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन का अधिकार होगा.
गाड़ी के मालिक को संबंधित डीलर को वाहन देने के बाद फॉर्म-29 (ग) जिसमें वाहन स्वामी और डीलर के हस्ताक्षर होंगे, को यह फार्म पोर्टल के माध्यम से वाहन पंजीयन अधिकारी को भेजना होगा. वाहन लेने और बेचने के बाद डीलर को इसकी जानकारी परिवहन विभाग को देनी होगी. इससे चोरी की गाड़ियों की बिक्री पर पर अंकुश लगेगा.