बिहार में जाति जनगणना पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, कल अदालत देगी अंतरिम आदेश

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 बिहार में चल रही जाति आधारित गणना पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। बिहार सरकार की ओर से राज्य में जातियों की गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही पटना हाइकोर्ट ने याचिका पर फैसला गुरुवार यानी कल तक के लिए टाल दिया है। अखिलेश कुमार और अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ही सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने ये जानना चाहा कि जातियों के आधार पर गणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है? कोर्ट ने ये भी पूछा है कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं? साथ ही कोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या?

पटना हाईकोर्ट में जाति आधारित गणना पर सुनवाई पूरी

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि बिहार सरकार जातीय और आर्थिक सर्वेक्षण करवा रही है। उन्होंने याचिका में ये बताया कि इस तरह के सर्वे कराने का अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। दीनू कुमार ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना और आर्थिक सर्वेक्षण करवा रही है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि ये संवैधानिक प्रावधानों के उलट यानी विपरीत है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वे केंद्र सरकार करवा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है। कोर्ट को ये भी बताया गया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार 500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार ने कोर्ट में कहा कि जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वे करवाया जा रहा है। कोर्ट इस मामलें पर गुरुवार यानी कल 4 मई 2023 को अंतरिम आदेश पारित करेगा।

 

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