लोक आस्था का महापर्व छठ में डलिया के साथ सूप का भी महत्व होता है. इसके अलावा डगरे का भी महत्व उसमें बहुत ज्यादा होता है. लोक आस्था का यह महापर्व अपने संतान के लिए महिलाएं करती है. उसी के दौरान मांगी गई मन्नते जब पूरी होती है तो डलियाके अलावा डगरा में सात प्रकार के फल डालकर भगवान भास्कर को अर्पित किया जाता है. इन दिनों दरभंगा के पोलो मैदान के पास भारी संख्या में डगरा व्यापारियों की दुकान लगी हुई है. जिसमें नेपाली डगरा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यह आपको 100 से 160 रुपये के अंदर मिल जाएगा.
मजबूत के साथ होता है आकर्षक
दुकानदार सूरज कुमार के द्वारा बताया कि नेपाली बांस से निर्मित इस डगडे की मजबूती काफी होती है. देखने में भी यह काफी खूबसूरत होता है. जिस वजह से लोग इसे काफी पसंद करते हैं. साथ में यहां मधुबनी जिले के खुटौना प्रखंड का भी डगरा लोगों को लुभा रहा है. यहां तीन जगह के डगरे मौजूद हैं. जिसमें दरभंगा, मधुबनी और नेपाल के हैं. सबसे सस्ता डागरा 60 से ₹90 के बीच में दरभंगा का है . खुटौना का डगरा 90 से ₹110 के बीच में है और नेपाली डगरा 120 से 160 रुपए तक का है.
नेपाली डागला की काफी है डिमांड
सूरज आगे बताते हैं कि पिछली बार भी यहां पर दुकान लगाई थी. जिसमें पहली बार कम संख्या में नेपाली डागला लाए थे. लेकिन ग्राहकों की पसंद को देखकर इस बार ज्यादा संख्या में नेपाली डागला लाए थे. वह सभी डगरा स्टॉक से खत्म हो गया, क्योंकि उसकी डिमांड इस साल भी काफी ज्यादा है. अब मधुबनी के डगरा की बिक्री भी ज्यादा हो रही है. सस्ता ढूंढने वाले ग्राहक दरभंगा के भी डगरा ले रहे हैं.