बिहार में इन स्पेशल पकवानों की डिमांड, इसके बिना अधूरे हैं त्योहार

खबरें बिहार की

सनातन धर्म के अंतर्गत साल के विभिन्न महीनों में कई पर्व- त्योहार मनाए जाते हैं. जिसमें अलग-अलग पकवानों का भोग भगवान को प्रसाद स्वरूप लगाया जाता है. जैसे सभी पर्व-त्योहारों की अलग-अलग मान्यताएं होती हैं, उसी प्रकार उनमें चढ़ाए जाने वाले पकवानों का भी एक विशेष महत्व होता है. तीज व गणेश चतुर्थी में भी भोग के लिए विशेष पकवानों का इस्तेमाल किया जाता है. राजधानी पटना में भी इन विशेष पकवानों का बाजार सजा है, जहां भक्तगण इन मिठाइयों और पकवानों की खूब खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.

40 वर्ष से राजा पुल के पास सड़क पर पकवानों और मिठाइयों की अपनी दुकान चलाने वाले किशोर कुमार गुप्ता बताते हैं कि पर्व- त्योहारों में पिरुकिया, खजुरिया, अनरसा, शक्कर-पारा, मिरजई और नारियल वाली मिठाई का अपना एक विशेष महत्व है. इन मिठाइयों का भोग व्रती और भक्तगण भगवान को लगाते हैं. ऐसी मान्यता है कि शिव और गणेश जी को अनरसा मिठाई अत्यंत प्रिय है.

बिना खोआ वाली मिठाई
बोरिंग कैनाल रोड के मोड़ पर पकवानों की एक अन्य दुकान के दुकानदार आदित्य कुमार बताते हैं कि अनरसा और पिरुकिया खोआ और बिना खोआ में उपलब्ध है. जहां खोआ वाली पिरुकिया और अनरसा मिठाई की कीमत 240 रुपए प्रति किलो है, वहीं बिना खोआ वाली पिरुकिया और अनरसा की कीमत 120 रुपए प्रति किलो है. इसके अलावा गणेश जी को भोग लगाने के लिए चपटे साइज की अनरसा मिठाई 140 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है.

तिल और आटे की मिठाई
दुकानदार आदित्य कुमार बताते हैं कि इस मौसम में चपटे साइज के अनरसे की खूब डिमांड रहती है. इसके तैयार बैटर को तिल में लपेटकर सीधा छाना दिया जाता है. वहीं, खोआवाली अनरसा को तैयार करने के लिए छानने से पहले अनरसा के अंदर ताजा खोआ भरा जाता है. लोग अनरसा के अलावा खोआवाली पिरुकिया भी खूब पसंद करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *