बिहार में दारू पीने पर जेल नहीं: नए शराबबंदी कानून में जुर्माना देकर छूटे 15 हजार शराबी, 4 करोड़ की वसूली

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बिहार में पूर्णत: शराबबंदी लागू है। इस बीच 1 एक अप्रैल 2022 से संशोधित मद्य निषेध अधिनियम प्रभावी होने के बाद 15 हजार लोगों को विशेष न्यायालय द्वारा जुर्माना भरने पर छोड़ दिया गया। इनसे जुर्माने के तौर पर करीब 4 करोड़ रुपए वसूले गए।

जुर्माना भरने पर छोड़े गए 13,391 लोग एक अप्रैल 2022 के बाद गिरफ्तार हुए थे, जबकि 1289 संशोधित कानून लागू होने के पहले पकड़े गए थे। शराब पीने पहली बार पकड़े गये 774 अभियुक्तों को जुर्माना नहीं देने पर अधिकतम एक माह की सजा काटनी पड़ी।

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग से प्राप्त आंकड़ें बताते हैं कि हर महीने शराब पीने के मामले में पकड़े गये लोगों को छोड़ने की संख्या बढ़ रही है। कानून लागू होने के बाद अप्रैल 2022 में धारा 37 के तहत पकड़े गए 3075 लोगों में 1942 को करीब 52 लाख जुर्माना लेकर छोड़ा गया। मई 2022 में 5887 लोगों में 4747 से 1.39 करोड़ जबकि जून में 8651 में 6702 लोगों से 2.06 करोड़ रुपए जुर्माना लेने के बाद छोड़ दिया गया।

इसके अलावा 1 अप्रैल से पहले गिरफ्तार 45 लोगों को भी जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा दी गई। संशोधित मद्य निषेध अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े गए अभियुक्तों को शपथ पत्र व दो से पांच हजार रुपए जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया है।

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