पटना में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद के समर्थन में नारेबाजी के बाद सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने बिहार सरकार को इस मुद्दे पर घेरा और इशारों-इशारों में नीतीश-तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा।
मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में तो अतीक जी वालों की सरकार है। अगर हिम्मत है तो अतीक के समर्थन में उत्तर प्रदेश में नारा लगाकर दिखाएं। वहीं, राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि समाज उन तत्वों से सावधान रहें, जो वोट बैंक की राजनीति के चलते किसी अपराधी-माफिया के समर्थन में नारेबाजी करते हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि यूपी के माफिया अतीक अहमद की हत्या बिहार में सामाजिक सौहार्द मिटाने का बहाना न बने, इसके लिए समाज और सरकार को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए। मोदी ने कहा कि बिहार में मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या पुलिस सुरक्षा और अस्पताल परिसर में हुई थी। अजीत सरकार और अशोक सिंह (दोनों पूर्व विधायक) की हत्या भी उनके सुरक्षा में रहते की गई थी। ऐसी चुनिंदा घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
अतीक के पक्ष में नारा सरकार की तुष्टीकरण नीति का परिणाम
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा है कि नमाज के बाद पटना जंक्शन के पास मस्जिद के बाहर कुछ लोगों द्वारा माफिया अतीक अहमद के पक्ष में नारा लगाने की घटना महागठबंधन सरकार की तुष्टीकरण नीति का ही परिणाम है। अतीक के पक्ष में नारा लगाने वाले लोगों ने देश का अपमान किया है।
भाजपो बोली- पिछली सरकार में भी हुईं ऐसी हत्याएं
विजय सिन्हा ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। अतीक के मामले में संविधान की हत्या का आरोप लगाने वाले को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की पुलिस सुरक्षा में हत्या मामले में संविधान की क्या भूमिका थी? पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिसमें पुलिस की मौजूदगी में लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई।