आपने छेना से बनने वाली कई तरह की मिठाइयां खाई होंगी, लेकिन बक्सर जिला में पियाऊ के नाम से एक मिठाई काफी फेमस है, जिसका डिमांड कभी कम ही नहीं होती. इस मिठाई की शुरुआत 50 साल पहले डुमरांव प्रखंड के पुराना भोजपुर गांव में हुई थी. तबसे यह मिठाई अपने अनोखे स्वाद को लेकर पूरे जिला में ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है. पुराने भोजपुर बाजार में हीरालाल गुप्ता की 30 साल पुरानी यह दुकान है, जहां आज भी पियाऊ तैयार कर बेचा जाता है.
इस मिठाई की डिमांड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुराना भोजपुर जैसे कस्बाई इलाके में लगभग 50 दुकानें सिर्फ पियाऊ मिठाई की ही हैं. इस मिठाई के कारीगर मिंटू कुमार गुप्ता हैं, उन्होंने बताया कि छेना तथा सूजी में चीनी मिलाकर इस खास मिठाई को तैयार किया जाता है. कारीगर मिंटू कुमार गुप्ता ने बताया कि स्थानीय बाजार में इस मिठाई को 180 रुपये प्रतिकिलो की रेट से बिक्री की जाती है. उन्होंने बताया कि इस मिठाई को खीर मोहन भी कहा जाता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे पियाऊ मिठाई हीं कहते हैं.
इसलिए पड़ा पियाऊ नाम
उन्होंने बताया कि इसको बनाने की विधि उन्होंने अपने पिता से सीखी थी, जबकि इस मिठाई को बनाने की शुरूआत उनके दादा ने किया था. पियाऊ नाम के पीछे का कारण यह है कि छेना से तैयार यह मिठाई सूखा होता है. वहीं इसकी खासियत यह है कि यह ज्यादा दिन तक रहने के बावजूद खराब नहीं होता है. इसके अलावा वजन कम होने की वजह से पियाऊ एक किलो में 35 से 40 पीस तक चढ़ता है. इसलिए ज्यादा लोग इसे अतिथियों को जलपान कराने में उपयोग किया करते है.
इस तरह तैयार होती है ये मिठाई
कारीगर मिंटू कुमार गुप्ता ने बताया कि इस दुकान में प्रतिदिन 40 किलो छेना 160 रुपए प्रति किलो के रेट से खरीदकर लाया जाता है. इसके अलावा इसमें सूजी का मिश्रण भी किया जाता है. इसके बाद चीनी के साथ इस मिठाई को तैयार किया जाता है. इन सामाग्रियों के साथ एक दिन में 60 किलो पियाऊ मिठाई तैयार होती है. वहीं इस प्रक्रिया के दौरान 5 घंटे का समय लगता है.