बिहार के राज्यपाल का बड़ा संकल्प, ट्रांसजेंडरों को दिलाएंगे उच्च शिक्षा, जानें पूरा प्‍लान

खबरें बिहार की जानकारी

 “समाज को तब ही पूर्ण रूप से विकसित कहा जा सकता है, जब समाज का हर एक तबका विकसित हो जाए. ट्रांसजेंडर समुदाय हमारे ही समाज के अंग हैं. इस समुदाय के प्रति जो धारणा  फैली है, उसे हम सभी को त्यागने की जरूरत है.” ये बातें बुधवार को दोस्ताना सफर द्वारा ‘ट्रांसजेंडरों की उच्च शिक्षा में आने वाली समस्याओं और समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा. राज्यपाल यहां मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे थे. उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को शैक्षणिक उत्थान में सहयोग देने के लिए आश्वासन भी दिया.

पटना वीमेंस कॉलेज की सिस्टर सेलिन ने ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ साल 2015 से अब तक बिताए गए वक्त के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पटना विमेंस कॉलेज में हर साल 22 दिसंबर को ट्रांसजेंडर लोगों के साथ धूमधाम से क्रिसमस मनाया जाता है. सिस्टर सेलिन की माने तो ट्रांसजेंडर लोगों के लिए पटना विमेंस कॉलेज उनका मायका है. मायके में आने के लिए ना परमिशन की जरूरत होती है ना ही इन्विटेशन की

बहु के रूप में स्वीकार करे समाज
ट्रांसजेंडर समुदाय से आने वाली और स्वास्थ्य विभाग में पदस्थापित अधिकारी कृष्णा ठाकुर ने बीपीएससी में सफलता प्राप्त करने तक के अपने सफर को सभी के साथ साझा किया. हालांकि, उन्होंने विशिष्ट अतिथि सह मुख्य वक्ता बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रो. रामबचन राय के एक वाक्य पर कड़ा प्रतिरोध जताया. कृष्णा ठाकुर ने कहा कि अभी तक लोग किन्नर और ट्रांसजेंडर लोगों में अंतर नहीं कर पा रहे हैं. किसी भी चीज के बारे में पता नहीं होना तभी तब तक गलत नहीं है, जब तक उस चीज के बारे में जानने को आप इच्छुक हैं.

इन मांगों को रखा सामने
उच्च शिक्षा और अधिकारों पर बात करते हुए ट्रांस एक्टिविस्ट और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की सलाहकार रेशमा प्रसाद ने राज्यपाल के सामने 11 सूत्री मांग रखी. जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विश्वविद्यालयों में नामांकन लेने का अधिकार भी शामिल था. इसके साथ ही ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण की भी मांग प्रस्ताव में की गई थी. रेशमा ने कहा कि पटना के हॉस्टल्स में ट्रांसजेंडरों को रहने नहीं दिया जाता है. इसलिए सरकार ऐसा कोई नियम या व्यवस्था करे, जिसके जरिए ट्रांसजेंडर भी हॉस्टल्स में आसानी से रह पाएं. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडरों को राज्य के विभिन्न कॉलेजों में प्रवेश मिले, जिससे यह समुदाय उच्च शिक्षा से वंचित न हो. इसके साथ ही लिंग एवं यौनिक शोध एवं अनुसंधान केंद्र, हॉस्टल और एक शिकायत निवारण समिति बनाने की भी मांग भी रखी गई.

राज्यपाल ने कहा जल्द करेंगे उपाय
11 सूत्री प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने बिहार के ट्रांसजेंडर लोगों को यह आश्वासन दिया कि आने वाले समय में आम आदमी की तरह ही वो सभी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकेंगे. वह इस मामलें में सभी विश्वविद्यालय प्रशासन से बात कर सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिसके जरिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी आसानी से किसी भी हॉस्टल में अधिकार के साथ रह सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *