बिहार की लड़कियों ने निर्जला उपवास से भी कठिन ‘व्रत’ का लिया संकल्प, जिसने भी सुना…कह रहे- Very Difficult

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मोबाइल आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई अपने हिसाब से दे सकता है, लेकिन इसके महत्व से इंकार कोई नहीं कर सकता है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि इंसान को पूरे दिन खाना नहीं दें तो वह रह सकता है, लेकिन उससे एक घंटे के लिए मोबाइल ले लीजिए तो बेचैन हो जाएगा। इन स्थितियों के बीच मुजफ्फरपुर की लड़कियों ने एक कठिन संकल्प लिया है। वे सप्ताह में एक दिन मोबाइल से खुद को दूर रखेंगीं। तात्पर्य यह कि पूरे दिन मोबाइल को हाथ ही नहीं लगाएंगीं। ये सभी रामवृक्ष बेनीपुरी महाविद्यालय मुजफ्फरपुर की छात्राएं हैं। जो कोई भी इस संकल्प के बारे में जान-सुन रहा है वह उनकी हिम्मत को दात दे रहा है।

घर के लोग आपस में बात नहीं कर रहे

दरअसल, रामवृक्ष बेनीपुरी महाविद्यालय मुजफ्फरपुर में वर्तमान परिदृश्य में डेटिंग एप एक छलावा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इसकी अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डा.ममता रानी कर रही थीं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मोबाइल का इस्तेमाल बहुत जरूरी होने पर ही करें। इसकी वजह से रिश्तों पर पड़ रहे प्रभावों के बारे में विस्तार से उन्होंने जानकारी दी। एक ही छत के नीचे रह रहे सभी लोगों के मोबाइल में व्यस्त होने तथा आपस में बात नहीं करने के बारे में बताया। इसकी वजह से रिश्तों के प्रभावित होने की बात कही। इसी दौरान उन्होंने छात्राओं को शपथ दिलाई कि सप्ताह में किसी एक दिन वे मोबाइल का उपयोग नहीं करेंगीं।

एप से बने केवल 14 फीसद रिश्ते ही सफल

मुख्य वक्ता एमडीडीएम कालेज की मनोविज्ञान विभाग की डा.शकीला अजीम ने कहा कि बहुत सारे मोबादल एप ऐसे हैं जिससे छात्राएं दिग्भ्रमित हो रही हैं। इससे उनकी जिंदगी तबाह हो रही है। खासकर डेटिंग साइट्स का दुष्प्रभाव अधिक हो रहा है। एप के जरिए जो रिश्ते बनते हैं उनमें सफल होने की संभावना केवल 14 प्रतिशत ही रहती है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि अपनी हर अच्छी-बुरी बात मां से जरूर शेयर करें। उन्होंने छात्राओं को शपथ दिलवाई कि वे अपनी जिंदगी में ऐसा कोई काम नहीं करेंगी जो उन्हें समाज और परिवार की नजरों में गिरा दे।

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