बिहार की बेटी ने किया कमाल, तुर्की की 16,854 फीट ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

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अगर कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो पर्वत की चोटी भी छोटी नजर आती है. इस बात को एक बार फिर सबित किया है बिहार के सहरसा की बेटी लक्ष्मी झा ने. लक्ष्मी झा ने तुर्की के माउंट अरारत की 16,854 फीट ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा कीर्तिमान स्थापित किया है. ऐसा करने वाली वह बिहार की पहली बेटी बन चुकी है. इस मुकाम को हासिल करने के दौरान लक्ष्मी को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा. लक्ष्मी की हिम्मत और जुनून के आगे हड्डी गला देने वाली -15 डिग्री के तापमान और खराब मौसम ने भी घुटने टेक दिए. इन्होंने इस चोटी पर तिरंगा महज 41 घंटे में फहरा दिया. इस उपलब्धि पर लक्ष्मी ने कहा किचढ़ाई के दौरान हिम्मत टूटने लगी थी, लेकिन हाथों में तिरंगा देख ऊर्जा मिलती थी.

बिहार के सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली 24 साल की लक्ष्मी झा ने इतिहास रच दिया है. घर की चारदीवारी से निकल लक्ष्मी पहाड़ों की चोटियों पर तिरंगा फहराती है. इस बार उन्होंने तुर्की के माउंट अरारत की 16,854 फीट ऊंची चोटी पर तिरंगा फहरा कीर्तिमान स्थापित किया है, वह भी मात्र 41 घंटों में. बर्फबारी और तेज तूफान के आगे लक्ष्मी झा हिम्मत के साथ आगे बढ़ती रही. लक्ष्मी ने बताया कि वह 15 अगस्त को ही चोटी पर पहुंचने का टारगेट लेकर बिहार से रवाना हुई थी. लेकिन वहां मौसम खराब होने की वजह से कुछ दिनों के लिए यात्रा को टालना पड़ा. फिर 18 अगस्त को बेस कैंप के लिए निकल पड़ी. करीब छह घंटे चढ़ाई करने के बाद 3000 मीटर पर स्थित पहले बेस कैंप पहुंची. अगले दिन तीन घंटे की चढ़ाई कर बेस कैंप से 4200 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचीं.

बर्फ और तूफान के बीच भी नहीं मानी हार

लक्ष्मी ने बताया कि बेस कैंप 4200 मीटर पहुंचने के बाद मौसम इतना खराब था कि सिर्फ बादल और बर्फीली तूफान ही दिखाई दे रहा था. 21 अगस्त की रात करीब एक बजे चोटी की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया. माइनस 15 डिग्री की ठंड, सीधी चढ़ाई और मौसम खराब को देख गाइड ने भी वापस लौटने को कहा. लेकिन बिहार की इस बेटी के कदम पीछे नहीं हटे. चढ़ते-चढ़ते जब सुबह हुई तो बादल हटा और मंजिल सामने दिखने लगी. इसके बाद भारत का तिरंगा माउंट अरारत की चोटी पर फहरा दिया. आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब लक्ष्मी ने इतिहास रचा हो. पर्वतारोही के इस कठीन क्षेत्र में लक्ष्मी के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. अब सपना माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का है.

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