पढ़ाई के साथ बिहार की नई पीढ़ी को हुनरमंद बनाने की पहल का असर दिखने लगा है। चालू सत्र में स्कूली स्तर से ही यह मुहिम शुरू हुई है। इसके तहत 2500 विद्यालयों में कंप्यूटर लैब की शुरुआत होने जा रही है जहां कंप्यूटर संबंधी शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह 2745 मिडिल स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार किए जा रहे हैं। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने ग्रीष्मावकाश के बाद स्मार्ट क्लास का संचालन की तैयारी तेज कर दी है।
रोजगार की जरूरत के आधार पर स्किल से जुड़े नए-नए कोर्स डिजाइन किए जाने की तैयारी भी है। स्कूलों में स्किल से जुड़े कोर्स को शुरू करने की यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तेज हुई है, जिसमें वर्ष 2025 तक स्कूलों व उच्च शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले पचास फीसद छात्रों को किसी न किसी स्किल से जोडऩे की सिफारिश की गई है।
नौवीं से बारहवीं के बीच डाटा साइंस को वैकल्पिक विषय
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल करने में जुटे शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के स्तर से डाटा साइंस को नौवीं से बारहवीं के बीच एक वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू किया गया है। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार करने में माइक्रोसाफ्ट कंपनी की मदद ली जा रही है। वहीं स्कूलों के लिए अभी तक जो अन्य कोर्स तैयार किए जा रहे हैं, उनमें कृषि, निर्माण, हेल्थ केयर, टूरिज्म एंड हास्पिटलिटी व टेलीकाम आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं। आने वाले समय में ये कोर्स माध्यमिक विद्यालयों में संचालित होंगे। ऐसे कोर्स को भी तैयार करने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की मदद ली जा रही है।