बिहार के लाल ने खाड़ी देशों में खड़ा किया 200 करोड़ का साम्राज्य, अब जन्मभूमि को कर्मभूमि में बदलने का है सपना

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दरभंगा के मैकेनिकल इंजीनियर श्याम कुमार सफलता की सीढ़ियों को चढ़कर आज युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। श्याम कुमार ने केवल अपने हौसले और मेहनत के बल पर महज साढ़े सात साल में कुवैत से लेकर दिल्ली और मुंबई तक अपने कारोबार का एक बड़ा एंम्पायर खड़ा कर लिया है। श्याम कुमार ने बेहद ही कम समय में दो सौ करोड़ के भारीभरकम टर्नओवर वाली एक बड़ी कंपनी खड़ी कर ली है।

दरभंगा के केवटी प्रखंड के करजापट्टी के रहनेवाले 47 साल के श्याम कुमार एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। श्याम कुमार एक ऑयल रिफाइनरी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हैं। वे दुबई, ओमान और सउदी अरब में कोरियन कंपनी के साथ कोलेबोरेशन से ऑयल रिफाइनरी कंस्ट्रक्शन का कारोबार करते हैं। वे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरू जैसे देश के बड़े शहरों के रियल स्टेट बिजनेस में भी इनवेस्ट करते हैं।

ग्रामीणों को भी दे रहे रोजगार

इसके अलावा उनका प्रखंड के करजापट्टी गांव में ईंट उद्योग है। साथ ही, 10 करोड़ रुपये का एग्रो फूड प्रोडक्टस इंडस्ट्रीज अंडर कंस्ट्रक्शन है। इससे गांव और आसपास के इलाके के करीब 125 लोगों को रोजगार मिल रहा है।

श्याम का मानना हैं कि नब्बे प्रतिशत बिहारी युवक जॉब सीकर होते हैं, जो एक सामान्य नौकरी मिलने पर भी संतोष कर लेते हैं। उन्हें बस अपने परिवार की ही चिंता रहती है। बिहार को आज के समय में जाब क्रिएटर युवकों की आवश्यकता है, जो दूसरों के लिए रोजगार मुहैया कर सकें।

जन्मभूमि को कर्मभूमि में बदलने की आकांक्षा

उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि उन्हें केंद्र व बिहार सरकार का सहयोग मिला तो तीन साल में बिहार में 10 हजार रोजगार खड़ा कर देंगे और अपनी जन्मभूमि को कर्मभूमि में बदल देंगे। आज उनकी विभिन्न कंपनियों में तकरीबन पांच सौ व्यक्ति कार्यरत हैं, जो पदाधिकारी से लेकर कर्मचारी तक हैं।

अपने जीवन के संघर्ष की कहानी बताते हुए श्याम ने कहा सीएम साइंस कॉलेज से 2003 में 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद राजस्थान के मोहन लाल सुखाड़ी विश्व विद्यालय के जोधपुर स्थित पीजीडीएम कालेज से मैकेनिक में बीटेक किया।

कुछ ऐसा रहा श्याम का सफर

पढाई के साथ ही उन्हें 2006 में जामनगर स्थित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एंड एस्सारआयल लिमिटेड में क्वालिटी इंस्पेक्टर की नौकरी मिली। इसके बाद 2007 में ओडिशा में नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड नालको में कंस्ट्रशन सुपरवाइजर का जॉब मिला। इससे भी संतुष्टि नहीं मिली।

2008 में हरियाणा के पानीपत स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पेट्रोल कंपनी में क्वलिटी इंस्पेक्टर के पद पर जॉब मिला। 2009 में पंजाब भठिंडा स्थित गुरु गोविद सिंह रिफाइनरी में जॉब मिली।

श्याम का किसी भी नौकरी में ज्यादा दिन तक मन नहीं रमा। इसके बाद वे कुवैत चले गए। वहां 2010 से 2014 तक हुंडई इंजीनियरिंग एवं कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी में जॉब की। 2015 में खुद की कंपनी अल्फा लाइन जनरल ट्रेडिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी खोल ली। अपनी इस कंपनी के माध्यम से वे कुवैत में ऑयल रिफाइनरी बनाने एवं इसके इंस्टॉलेशन का काम करने लगे।

युवाओं से की खास अपील

श्याम कुमार ने बिहार के युवाओं से अपील की है कि वे जॉब सीकर नहीं बनें। बिहारी युवाओं में झमता है, वे जॉब देने वाले बन सकते हैं। उन्होंने बिहार सरकार से अनुरोध किया कि उन्हें सरकार का अपेक्षित सहयोग मिले, तो वे अपनी जन्मभूमि को कर्मभूमि में बदल सकते हैं।

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