दिहाडी मजदूरी या अत्यंत गरीब परिवार को खुदरा राशन खरीदने के लिए अब परेशान नहीं होना होगा. गया जिले के बांके बाजार में महिलाओं के द्वारा संचालित बांके बाजार महिला प्रोड्यूसर कंपनी एफपीओ ने एक पहल की है और फूड किट की शुरुआत की है. एफपीओ के द्वारा ऐसे परिवार को किस्त में राशन मुहैया कराई जाएगी जो मेहनत मजदूरी करते हैं और रोजाना खुदरा राशन की खरीददारी करते हैं. इसमें एफपीओ के द्वारा एक टीम बनाई गई है. जो गांव-गांव घूम कर वैसे लोगों से किस्त में राशन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. इसमें पांच परिवार के लिए 3 हजार रुपए का राशन दिया जाएगा. जिसे बिना ब्याज के तीन किस्त में पैसा चुकाया जा सकता है. हर 10 दिन पर ग्राहक को 1 हजार रुपया चुकाना होगा.
दिहाड़ी मजदूर या महिलाओं की समय और पैसे की बचत
फूड किट की शुरुआत करने के पीछे महिला एफपीओ का मानना है कि इससे दिहाड़ी मजदूर या महिलाएं जो रोजाना राशन खरीदने के लिए बाजार जाती हैं या खुदरा राशन खरीदती हैं, उनके समय और पैसे में बचत आएगी. वहीं ऐसे परिवार को रोजाना पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा और कुपोषण भी दूर होगी. बता दें कि 3 हजार रुपए के राशन किट में खाने-पीने और डेली युज के लगभग 20 समान मिल रहा हैं जिसमें चावल का पैकेट, आटा पैकेट, मसुर दाल, चना दाल, तेल, रिफाइन, चीनी, नमक, चायपती, साबुन, सर्फ, जीरा, गोलकी, मसाला, सोयाबीन आदि दिया जा रहा है.
बांके बाजार प्रखंड क्षेत्र के लोगों के लिए हुई शुरुआत
जो भी ग्राहक महिलाओं के इस एफपीओ से राशन की खरीदारी करते हैं. उनको इतने राशन के लिए बाजार में 100-200 रुपये अधिक चुकाने पड़ेंगे. उनका समय भी बर्बाद होगा. लेकिन एफपीओ की महिलाएं ग्राहकों को निशुल्क उनके घर तक राशन पहुंचाने का काम करेंगे. इसमें ग्राहकों को एक और फायदा यह है कि इसमें कुछ समान महिला एफपीओ के द्वारा ही तैयार किया जा रहा है. जिसमें शुद्ध सरसों तेल, दाल आदि शामिल है. इस एफपीओ से जो भी ग्राहक जुड़ना चाहते हैं और राशन किट की खरीदारी करना चाहते हैं वह महिला एफपीओ के टीम से संपर्क कर सकते हैं. फिलहाल यह पहल गया जिले के बांके बाजार प्रखंड क्षेत्र के लोगों के लिए शुरू की गई है.
30 दिन ऐसे परिवार को भोजन मिले इसके लिए यह पहल
इस संबंध में जानकारी देते हुए बांके बाजार महिला विकास प्रोड्यूसर कंपनी के अध्यक्ष द्रौपदी देवी और 4 एस संस्था के जिला प्रबंधक रजनी भूषण बताती है कि यह एफपीओ ऐसे परिवारों के लिए पौष्टिक भोजन की गारंटी दे रहा है. 30 दिन ऐसे परिवार को भोजन मिले इसके लिए यह पहल की गई है. अक्सर देखा जाता है दिहाडी मजदूरी करने वाले लोग रोजाना खुदरा समान की खरीदारी करते हैं. जिसमें उनकी लागत अधिक लग जाती है और कभी किसी दिन काम नही करते है तो उनके घर में चुल्हा नही जलता और भूखे ही रह जाते है. ऐसे में अगर एक महीने का राशन एक साथ बिना ब्याज के किस्त में राशन लेंगे तो उनके समय और पैसे दोनों में बचत आएगी. सामाजिक और आर्थिक सुधार के लिए यह पहल की गई है और इसमें ऐसे परिवार को आने वाले दिनों में काफी फायदा होगा.