कतरनी चावल की खुशबू से देश और दुनिया वाकिफ है. अब इसका और विस्तार होगा. किसानों को इसकी खेती में महारत हासिल करवाया जाएगा. इसको लेकर आत्मा किसानों को प्रशिक्षण देगा. ताकि इसके पैदावार में और वृद्धि हो. भागलपुर को कतरनी धान का कटोरा कहा जाता है. आपको बता दें कि सबसे अधिक कतरनी धान की पैदावार भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड में होती है. इतना ही नहीं यंहा का कतरनी चुड़ा व चावल दोनों ही विदेशों में भी मशहूर है. इसको जीआई टैग भी मिला हुआ है.
किसान अभी भी पौराणिक तरीके से इसकी खेती करते आ रहे हैं. कई बार खेतों में फसल नष्ट होने लगता है. सही समय पर सही चीजें नहीं मिलने पर धान की पैदावार अच्छी तरीके से नहीं हो पाती है. गुणवत्तापूर्ण खेती करने के लिए अब आत्मा किसानों को प्रशिक्षण देगा. इसका लाभ किसान ले पाएंगे. इसके लिए किसानों को पहले आवेदन देना होगा. उसके बाद किसा
एक्सपर्ट देंगे ट्रेनिग
आत्मा के निदेशक प्रभात सिंह ने बताया कि किसानों को यहां के एक्सपर्ट ट्रेनिंग देंगे. उसमे मिट्टी की गुणवत्ता से लेकर कटाई करने तक कि बात बताई जाएगी. अगर किसान यह ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो कृषि भवन भागलपुर में जाकर आत्मा से सम्पर्क कर सकता है. वहीं निदेशक ने बताया कि अगर आप ट्रेनिंग के बाद खेती करते हैं तो आपको खेती में ज्यादा मुनाफा होगा. पैदावार अच्छी होगी. इसका मुख्य कारण है कि ट्रेनिंग के बाद गुणवत्तापूर्ण खेती होगी. समय पर किसान उसके बीमारी व सिंचाई इन सभी चीजों को समझ पायेंगे.नों को ट्रेनिंग दी जाएगी.