बिहार के इस जिले की महिलाएं केले के रेशे से तैयार कर रहीं एक से एक प्रोडक्ट, हो रहीं आत्मनिर्भर

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जीविका से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है. इसी के तहत वैशाली जिले में केला रेशा किसान उत्पाद कंपनी लिमिटेड के माध्यम से केला के रेशा का उत्पादन शुरू किया गया है. इस उत्पादन केंद्र को स्थापित करने के लिए बियाडा द्वारा हाजीपुर के औद्योगिक क्षेत्र में 5090 वर्गफीट क्षेत्र आवंटित किया गया है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत शुरू में छह जीविका दीदियों आशा देवी, रेणु देवी, कुमारी कृष्णा सिन्हा, सोनम कुमारी, सुशीला कुमारी एवं ललिता कुमारी के 10-10 लाख रुपए के लोन पास हुए हैं. इस राशि से 7 केला रेशा उत्कर्षण मशीन और दो स्टेम कटिंग मशीन खरीदकर इस केंद्र में स्थापित किया गया है.

कृषि विज्ञान केंद्र हाजीपुर से प्रशिक्षण प्राप्त कर जीविका दीदियों ने केला रेशा उत्पादन शुरू कर दिया है. इनके द्वारा केला के रेशा से डिस्पोजेबल प्लेट, ग्लास, रस्सी, दरी, डोरमैट, पर्दा, गनी बैग, टोकरी, ज्वेलरी एवं अन्य हैण्डीक्राफ्ट उत्पाद बनाए जा रहे हैं. प्रोडक्ट तैयार होने के बाद इसे वैशाली जिले के साथ-साथ आसपास के कई जिलों में बेचा जा रहा है. जबकि केला के रेशा की बिक्री देश के कई राज्यों में हो रही है. यहां के केला रेशा फैक्ट्री में 35 महिलाएं काम करती हैं, जो प्रतिदिन 1 टन केला का रेशा तैयार कर लेती हैं. सबसे खास बात यह है कि एक केला के थंब की कीमत 8 रुपया है.

लोन लेकर लगाई है फैक्ट्री

इस केंद्र में काम करने वाली सोनम कुमारी बताती हैं कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत हमलोगों का चयन हुआ था. इसके बाद 10-10 लाख रुपए का लोन पास हुआ. जिसमें से पहली किस्त 4-4 लाख रुपया 6 जीविका दीदी को मिला है. इस रुपए से हम 6 जीविका दीदी मिलकर फैक्ट्री चला रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे प्रोडक्ट की डिमांड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. आने वाले दिनों में हम अपने कारोबार का और विस्तार करेंगे.

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