सरकार दावा करती है कि उसने गांव-गांव तक सड़क पहुंचा दी है। हालांकि राजधानी पटना से सटे जहानाबाद में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को अपने घर जाने के लिए सड़क और पुल नसीब नहीं है। जहानाबाद-अरवल NH-110 और रतनी फरीदपुर को जोड़ने के लिए बनी सड़क पर पुल के अभाव के कारण आसपास के करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों का आवागमन लगभग चार महीने तक पूरी तरह ठप हो जाता है
सड़क बनाकर पुल बनाना भूल गया विभाग
रतनी फरीदपुर के हरपुर और उसके आसपास के गांव के लोग पुनपुन नदी से निकली सहायक नदी दाढूं पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं।
2008 में नदी के दोनों ओर सड़क का निर्माण तो किया गया, लेकिन नदी पर पुल बनाने की सुध विभाग को नहीं रही।
नदी के आसपास बसे इन गांवों का कट जाता है संपर्क
विभाग की इस लापरवाही के कारण नदी के आसपास बसे रघुनीचक, रघुनाथपुर,मौलानाचक, रीता बिगहा, हरपुर समेत कई गांवों का बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है।
इस सड़क से सोहरैया, लखापुर, झुनाठी, कसवां और नेहलपुर पंचायत के लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने-जाने की सुविधा भी मिलती है।
नदी में पुल नहीं रहने के कारण लोगों को सात-आठ किलोमीटर घूमकर प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। नदी पार करना लोगों की मजबूरी है।
दो-तीन साल में कभी-कभार बजती है शहनाई
सड़क नहीं रहने के कारण बाहर के लोग यहां अपनी बेटियों की शादी करने से कतराते हैं। दो-तीन साल पर कभी कोई बरात आती है।
हरपुर गांव की आबादी एक हजार से अधिक है। इस गांव में 35 साल से अधिक उम्र के करीब 30 युवा शादी की उम्मीद में कुंवारे बैठे हैं। इन्हें कोई पूछने वाला नहीं। गांव में रोजगार की भी स्थिति बड़ी खराब है।
चार महीनों तक ठप रहती है बच्चों की पढ़ाई
चार महीने तक यहां के बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ जाती है। बच्चे घरों में ही कैद हो जाते हैं। हरपुर गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं है।
ऐसे में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो रोगी को खाट पर लादकर नदी पार करने के एक किलोमीटर बाद गाड़ी के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया जाता है।
रोजमर्रा की चीजों के लिए करना पड़ता है संघर्ष
ग्रामीणों को नदी के कारण रोजमर्रा की वस्तुओं को भी घर तक ले जाने में परेशानी होती है। इस समय नदी में पानी रहने के कारण आवागमन के लिए लोगों को नदी के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों की पुल निर्माण की मांग लंबे समय से लंबित है।
सांसद-विधायक किसी ने नहीं सुनी फरियाद
ग्रामीण बताते हैं कि करीब 15 साल पहले बनी सड़क पिछले कई साल से टूटी पड़ी है। नेहालपुर पंचायत के वर्तमान मुखिया रामाशंकर धीरज के अनुसार, पहले कोई काम ही नहीं हुआ। गांव में आवागमन के लिए पुल का अभाव सबसे बड़ी समस्या है।
उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए उन्होंने स्थानीय विधायक और सांसद सबसे गुहार लगाई है, लेकिन अब तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। गांव में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व एक आंगनबाड़ी है। सुगम यातायात के अभाव में रोजगार में भी यह इलाका पिछड़ा हुआ है।
पुल के बिना गांव का आवागमन ठप होने की जानकारी नहीं है। पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों की ओर से कभी कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। ग्रामीण आवेदन दें, जांच के उपरांत पुल निर्माण निगम को इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।