प्रदेश में प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। मंगलवार की शाम प्रदूषण के मामले में सिवान देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। वहां प्रदूषण का स्तर 457 एक्यूआइ रिकार्ड किया गया। सिवान के अलावा बक्सर, मोतिहारी, दरभंगा, छपरा, बेगूसराय में भी प्रदूषण 400 एक्यूआइ से ऊपर रिकार्ड किया गया।
प्रदेश के कई शहरों में देश की राजधानी दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण रहा। दिल्ली में प्रदूषण 375 एक्यूआई रिकार्ड किया गया। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा.अशोक कुमार घोष का कहना है कि राजधानी में कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ा है। उसे नियंत्रित करने के लिए संबंधित विभागों से आग्रह किया गया है। जल्द ही लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
प्रशासन सख्त कदम उठाये, तभी राहत
केंद्रीय विद्यालय, नेहरू पथ के प्राचार्य पीके सिंह ने कहा कि प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। प्रशासन ही स्थिति की गंभीरता को समझ सकता है। मानव जीवन की सुरक्षा को सर्वोंच्च प्राथमिकता सभी को देनी चाहिए। स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।
राजधानी में बीआइटी का इलाका सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र
राजधानी में बीआइटी का इलाका सर्वाधिक प्रदूषित रहा। वहां पर प्रदूषण की मात्रा 411 एक्यूआई रिकार्ड की गई। वहीं राजवंशीनगर एवं गांधी मैदान में भी प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ी हुई थी। सबसे कम प्रदूषण दानापुर में रिकार्ड किया गया। राजधानी में प्रदूषण का सबसे कारण धूलकण को माना जा रहा है। यहां गंगा से आने वाला बालू का धूलकण लोगों के घरों तक पहुंच रहा है।
बच्चों को हो रही सांस संबंधी समस्या
पीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डा.राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि प्रदूषण की सर्वाधिक मार बच्चों पर पड़ रही है। बच्चे धरातल के ज्यादा नजदीक होने के काराण् प्रदूषण की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। बचाव का बेहतर माध्यम मास्क हो सकता है।
राजधानी में प्रदूषण की स्थिति
- बीआइटी : 411
- तारामंडल : 390
- राजवंशीनगर : 370
- गांधीमैदान : 369
- दानापुर : 213
राज्य में प्रदूषण की स्थिति
- सिवान : 457
- बेगूसराय : 452
- बक्सर : 448
- छपरा : 415
- मोतिहारी : 412
- दरभंगा : 403
- मुजफ्फरपुर : 368
- बिहारशरीफ : 362
- हाजीपुर : 337
- समस्तीपुर : 336
- मुंगेर : 321