शराबबंदी के बाद बिहार में ताड़ी उद्योग से जुड़े लोग बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. उनका परम्परागत व्यवसाय उनसे छीन गया हैं. रामविलाश पासवान तथा जीतनराम मांझी ने इस मुद्दे को लेकर कई बार बिहार सरकार को खड़ी-खोटी सुना चूके हैं.
इन सब बातों को ध्यान रखते हुए बिहार सरकार ने नीरा उद्योग को नए तरीके से विकसित करने की बात कही थी. वैज्ञानिकों ने इससे जुड़े कई शोध पत्र सामने रखे उसके आलोक में नीरा से बने कई खाद्य पदार्थ विकसित किये गए.
इन नीरा उत्पादों को बनाने तथा बेचने के लिए बिहार सरकार ने 26 हजार 343 कृषकों को नीरा निकालने का लाइसेंस दिया हैं. नीरा नोडल अधिकारी उमेश कुमार सिंह ने कहा कि अभी तक बिहार के 38 जिलों से 41 हजार 618 नीरा लाइसेंस के लिए आवेदन प्राप्त किया गया हैं.